लखनऊ । उत्तर प्रदेश विधानसभा शुक्रवार को सही तरीके से नहीं चल पाई। समूचा विपक्ष ने एक जुट होकर मौन ब्रत कर लिया और बाद में चौधरी चरण सिंह की प्रतिमा पर मौन अनशन शुरू किया। दोहपर बारह बजे के बाद विधानसभा अध्यक्ष हृदय नारायण दीक्षित ने सदन स्थगन की घोषणा की। अब सदन 24 जुलाई को पूर्वाह्न 11 बजे से होगा।
सपा के नेता प्रतिपक्ष राम गोविंद चौधरी, बसपा के नेता आरके वर्मा और कांग्रेस के नेता विधानसभा अजय सिंह उर्फ लल्लू सिंह व अनुराधा मिश्रा मुख्यमंत्री द्वारा सदन में दिए गए बयान को वापस लेने की मांग की। उन्होंने कहा कि सदन में जिस तरह का बर्ताव हो रहा है। यह पहले कभी नहीं हुआ। विधायकों को बोलने नहीं दिया जा रहा है। उल्टा खुद मुख्यमंत्री सदन में धमका रहे हैं। यह लोकतंत्र का मजाक है।
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विपक्ष की आवाज को दबाने का प्रयास
नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी ने कहा कि विपक्ष की आवाज़ को दबाने का काम किया जा रहा है। नेता सदन ने विपक्ष को जानबूझकर अपमानित किया है। यह दुर्भाग्य की बात है कि कोई नेता सदन इस तरह माननीय सदस्यों का अपमान करे। रामगोविंद चौधरी ने कहा कि पूरे प्रदेश में इमरजेंसी जैसे हालात पैदा कर दिए गए हैं। हर आदमी की आवाज दबाई जा रही है। उन्होंने दावा किया सपा की इस मुखालफत में कांग्रेस और बसपा भी हमारे साथ है ।
नेता सदन शब्द वापस लें तो विरोध होगा खत्म
यह पूछे जाने पर मौन अनशन के दौरान उन्होंने ज्ञापन किसे सौंपा, इस पर श्री चौधरी ने कहा कि उन्होंने विपक्ष की बात ज्ञापन के रूप में चौधरी चरण सिंह की आत्मा को सौंपी है। चौधरी चरण सिंह लम्बे समय तक इस सदन के सदस्य भी रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री
योगी आदित्यनाथ के कठोर वचनों दुखी विपक्ष ने आज वाक आाउट किया। उन्होंने कहा कि ये धरना तब तक चलता रहेगा जब तक नेता सदन अपने तीखे शब्द वापस नहीं लेते।
नेता सदन का माईक क्यों हुआ बंद
नेता प्रतिपक्ष राम गोविन्द चौधरी का माइक सदन में गत दिवस बंद किए जाने के मामले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्ष का कहना है कि लोकतंत्र में विधायकों को अपनी बात कहने का पूरा हक है। इस तरह माइक बंद करना अलोकतांत्रिक कृत्य है। इसी लिए विपक्ष ने सदन से वाक आउट किया। अब नाराज विधायक मांग कर रहे हैं कि सदन में नेता विपक्ष का माइक बन्द किया गया, तो सरकार बताए कि किसके इशारे पर माइक बंद किया गया।
पाउडर को बम बताने वाली सरकार ने घेरी विधानसभा
विपक्ष का आरोप है कि पिछले दिनों मुख्यमंत्री ने जिसे विस्फोटक बताया वह पाउडर निकला। उसके नाम पर इतना खौफ का वातावरण बना दिया गया हेै कि विधानसभा को फौज के किले की तरह घेर लिया गया है। अब पाउडर को विस्फोटक साबित करने की साजिश की जा रही है। विपक्ष इस मामले पर नजर बनाए हुए है।