शख्सियत: हवा के रुख को बखूबी समझते हैं नरेश अग्रवाल, जानिए उनसे जुड़ी यह जरूरी बातें
लखनऊPublished: Oct 18, 2016 05:37:00 pm
राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल यूपी की राजनीति में बड़े वैश्य नेता हैं। समाजवादी पार्टी से सांसद नरेश अग्रवाल की वैश्य समाज के बीच काफी अच्छी पकड़ है।
लखनऊ. राज्यसभा सांसद नरेश अग्रवाल यूपी की राजनीति में बड़े वैश्य नेता हैं। समाजवादी पार्टी से सांसद नरेश अग्रवाल की वैश्य समाज के बीच काफी अच्छी पकड़ है। यही वजह है कि यूपी में सरकार किसी भी राजनीतिक दल की हो, इनका प्रभाव रहता है। खासतौर पर अवध क्षेत्र में हरदोई, लखनऊ, बाराबंकी, उन्नाव के वैश्य समाज के बीच अच्छा प्रभाव है। वह अब तक कांग्रेस, सपा व बसपा में रह चुके हैं। सूत्रों के मुताबिक, वह इस बार बीजेपी का दामन थाम सकते हैं। आइए जानते हैं उनसे जुड़ी यह बातें।
जन्म- 1 अक्टूबर 1951
जन्म स्थान- हरदोई
वह अब तक सात बार एमएलए रह चुके हैं। उन्होंने निर्दलीय के तौर पर शुरुआत की थी लेकिन फिर कांग्रेस में शामिल हो गए। साल 1989 में निर्दलीय विधायक बने थे।साल 1991 में कांग्रेस टे टिकट पर चुनाव जीते। इसके बाद साल 1993 व साल 1996 में भी वह कांग्रेस की ओर से विधायक बने। साल 2002 में सपा के टिकट पर विधायक बने।
कई पार्टियों का अनुभव
कांग्रेस की ओर से तीन बार हरदोई से विधायक रहने के बाद उन्होंने सपा का हाथ थामा। साल 2008 में वह बसपा में शामिल हो गए। पिछले विधान सभा चुनाव से पहले वह सपा में फिर से वापस आ गए। अब उनके बीजेपी के जाने की चर्चाएं हैं। नरेश अपनी सरकार को पूरे नम्बर नहीं दे रहे हैं। नरेश अग्रवाल का मानना है कि मुख्यमंत्री अखिलेश यादव की खुद की छवि तो साफ है लेकिन उनके मंत्री सरकार की छवि खराब करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। इस बयान के बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि वह विधानसभा चुनाव से पहले फिर पाला बदल सकते हैं।
समाजवादी पार्टी में आने से पहले नरेश अग्रवाल बीएसपी कोटे से राज्यसभा पहुंचे थे, लेकिन 2012 के विधानसभा चुनाव से ठीक पहले अग्रवाल ने समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया था। नरेश अग्रवाल के बेटे नितिन अग्रवाल भी सपा में शामिल हो हए। उन्हें अखिलेश सरकार में राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार सूक्ष्म लघु एवं मध्यम उद्यम और निर्यात प्रोत्साहन बनाया गया।
नरेश अग्रवाल का हरदोर्इ आैर आसपास के इलाकों में अच्छा जनाधार है। व्यापारी वर्ग में भी उनकी अच्छी पैठ है लेकिन हवा के बदलते रुख के साथ नरेश अग्रवाल भी बदले-बदले नजर आ रहे हैं। जानकारों की मानें तो उन्हें इस बात का अंदाजा रहता है कि चुनाव से पहले लहर किस ओर है। उनके सभी पार्टियों के नेताओं से संबंध अच्छे हैं।