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सपा के गढ़ से सियासी मैदान में उतरेंगे मुलायम, मोदी को दिखाएंगे अपनी ताकत

locationलखनऊPublished: Nov 12, 2016 11:10:00 am

सपा ने पूर्वांचल में चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारियां कर ली हैं। 

modi mulayam

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लखनऊ। समाजवादी पार्टी ने अपनी चुनावी तैयारियों को मजबूत कर लिया हैं। 3 नवम्बर को हुई लखनऊ से उन्नाव तक की समाजवादी विकास यात्रा इसका सबसे बड़ा उदाहरण है। इन सब के बाद सपा ने पूर्वांचल में चुनावी बिगुल फूंकने की तैयारियां कर ली हैं। जनता में अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए पार्टी ने गाजीपुर में रैली निकालने की योजना बनाई है। यह रैली 22 नवम्बर को निकली जाएगी। इसके दूसरे दिन यानि 23 नवम्बर को सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के जन्मदिन है। यह रैली सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के लिए तोहफे के रूप में साबित हो सकती है। 

इस रैली का जिम्मा खास तौर पर कौमी एकता दल का होगा। आपको बता दें कि कौमी एकता दल के विलय को हरी झंडी दिए जाने के बाद इसके अध्यक्ष व पूर्व सांसद अफजल अंसारी व उनके भाई विधायक सिगबतुल्ला अंसारी ने सपा सुप्रीमो मूलयम सिंह यादव से गाज़ीपुर में रैली करने का आग्रह किया था। जिसे मुलायम ने स्वीकार किया वो फिर 23 नवम्बर को रैली की योजना बनाई गई। 

 रैली को देंगे ऐतिहासिक रूप 

समाजवादी पार्टी ने इस रैली को ऐतिहासिक बनाने के लिए पूरा जोर डाल दिया है। जनता का मन टटोलने का समाजवादी पार्टी ने पूर्ण निर्णय कर लिया है। कौमी एकता दल ने खास तौर पर अपनी ताकत दिखाएंगा। इस रैली के लिए विधायक मुख़्तार अंसारी के भाई सिगबदुल्ला अंसारी और बेटे अब्बास अंसारी ने पूर्वांचल से पार्टी के चुनाव अभियान का आगाज गाजीपुर से शुरू करने के लिए एड़ी चोटी का ज़ोर लगाना शुरू कर दिया है।

गाज़ीपुर है सपाइयों का पुराना गढ़ 

सपा प्रदेश अध्यक्ष शिवपाल यादव ने गाज़ीपुर रैली के बारे में बताया की गाज़ीपुर तो समाजवादी पार्टी का पुराना गढ़ है। पिछले दिनों हुए विवाद से पार्टी को लाभ मिलेगा। इससे एक फ़ायदा यह हुआ की उपेक्षित लोग भी दल की मुख्यधारा में गए हैं। मलाई खाने वालों की वजह से वे किनारे पड़े हुए थे। कुछ लोग इधर हैं कुछ लोग उधर। रैली को महारैली बनाना हमारा लक्ष्य होगा। गाज़ीपुर से बाहर जिलों से हर विधान सभा क्षेत्र से 5 हज़ार लोगों को लाने का लक्ष्य रखा गया है। 



क्या अखिलेश होंगे रैली का हिस्सा 

इस रैली में अखिलेश मौजूद रहेंगे या नहीं यह बड़ा मुद्दा है। इसकी मुख्य वजह कौमी एकता दल है। असल में बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी की पार्टी कौमी एकता दल के सपा में विलय के मुख्यमंत्री सख्त एतराज कर चुके हैं, पर उनके इस विरोध के बावजूद सपा नेतृत्व ने इस दल की मुस्लिम वोटों पर पकड़ को देखते हुए विलय को हरी झंडी दे दी। अब होना क्या है ये तो रैली में देखने को मिलेगा। 
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