लखनऊ। केंद्र सरकार की ओर से नोटबंदी के फैसले के बाद इसका पहला फायदा यूपी के बिजली उपभोक्ताओं को मिल सकता है। दरअसल बिजली विभाग में जबरदस्त राजस्व वसूली से नियामक आयोग रेगुलेटरी सरचार्ज द्वितीय 4. 28 समाप्त करने की तैयारी में हैं।
इसके लिए आयोग ने बिजली विभाग से नोटबंदी के दौरान जमा हुए राजस्व की जानकारी के साथ रेगुलेटरी सरचार्ज के मद में वसूली की जानकारी भी मांगी है। बिजली विभाग के सूत्रों के मुताबिक़ आयोग यूपीपीसीएल की ओर से दाखिल किये जाने वाले राजस्व संबंधी ब्यौरे का विश्लेषण करेगा। जिसमें वह देखेगा कि जितने घाटे की भरपाई के लिए उसे रेगुलेटरी सरचार्ज वसूलने की अनुमति दी गयी थी उतना वसूल तो नहीं लिया गया। अगर पर्याप्त राजस्व मिल गया तो आयोग रेगुलेटरी सरचार्ज ख़त्म कर सकता है। आयोग इस सम्बन्ध में 29 नवम्बर को सुनावई करेगा।
बता दें कि बीते सालों में अनुमानित एवं वास्तविक खर्चों में अंतर की भरपाई के लिए नियामक आयोग ने बिजली कंपनियों को दो रेगुलेटरी सरचार्ज वसूलने की अनुमति दी थी। आयोग ने इसी साल अप्रैल में 2.84 फीसदी रेगुलेटरी सरचार्ज समाप्त करने की अनुमति दे दी थी। जबकि रेगुलेटरी सरचार्ज सेकेण्ड 4. 28 फीसदी प्रभावी है।
इसको लेकर विद्युत् उपभोक्ता परिषद ने केंद्र सरकार की उज्जवल डिस्कॉम इंश्योरेंस योजना के तहत बिजली कंपनियों के घाटे का दायित्व राज्य सरकार द्वारा अपने ऊपर ले जाने का तर्क देते हुए रेगुलेटरी सरचार्ज द्वितीय समाप्त करने की याचिका दायर की थी। याचिका पर आयोग कई बार सुनवाई कर चुका है। इसी बीच एकाएक केंद्र सरकार की ओर से 500 और 1000 के नोट बंद किये जाने के कारण बिजली विभाग के राजस्व में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई। क्योंकि सरकार ने बिजली विभाग में पुरानी करेंसी जमा करने की छूट दे रखी थी।