क्रेडाई ने कहा कि जीएसटी और रीयल एस्टेट रेग्यूलेशन एंड डेवलपमेंट (रेरा) में कुछ संशोधन की ज़रुरत है।
लखनऊ। कॉन्फिडेरशन ऑफ़ रियल एस्टेट डेवलपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया (क्रेडाई) ने जीएसटी का
स्वागत किया। क्रेडाई ने कहा कि जीएसटी और रीयल एस्टेट रेग्यूलेशन एंड डेवलपमेंट (रेरा) में कुछ संशोधन की ज़रुरत है।
रेरा में हो संशोधन
क्रेडाई ने कहा कि रेरा कानून में
भी कुछ संशोधन की जरूरत है। उन्होंने कहा कि ऑन गोइंग प्रोजेक्ट की सेल बंद नहीं
होनी चाहिए वरना पैसे का फ्लो रुक जाता है और काम बंद हो जाता है। बंद हुए काम को दोबारा शुरू
करने में कम से कम 6 महीने का वक्त लग सकता है। ऐसे में बिल्डरों को तो
नुकसान होता ही है साथ ही उभोक्ताओं को भी डेडलाइन तक मकान नहीं मिल पाता। इस
सिलसिले में उन्होंने सरकार को पत्र भी लिखा है। सरकार के प्रतिनिधियों से
मुलाकात भी की है। उन्होंने ये मांग की है कि रजिस्ट्रेशन के लिए ऑन गोइंग प्रोजेक्ट को 90 दिन का समय मिलना चाहिए।
तय हो कितने समय में मिलेगा बिजली-पानी कनेक्शन
मौजूदा
समय में कंस्ट्रक्शन पूरा होने के बाद पानी, बिजली, सीवर कनेक्शन जैसे
चीज़ों के कनेक्शन लेने के लिए कोई समय निर्धारित है। अप्लाई करने के बाद इस
प्रक्रिया में कितने समय लगना चाहिए ये भी निर्धारित होना चाहिए।
क्योंकि फ्लैट हैंड ओवर
करने के लिए ये सब चीज़ें जरूरी हैं।
ऑन गोइंग प्रोजेक्ट से अलग हो जीएसटी
क्रेडाई
की ओर से कहा गया कि आखिर
बिल्डरों को सिर्फ एक साल का ही इनपुट क्रेडिट क्यों मिल रहा है ? दरअसल आम
तौर से बड़े प्रोजेक्टों में कई साल लग जाते हैं। वित्तीय वर्ष 2016-17 के
लिए ही इनपुट क्रेडिट दिया जा रहा। जबकि उससे पहले भी कई साल वैट और अन्य
सर्विस टैक्स दिया गया है। इसलिए हमारी मांग है की ऑन गोइंग प्रोजेक्ट से
जीएसटी को अलग रखा जाए।
पीएम आवास योजना के तहत 21 लाख 30 हज़ार फ्लैट
क्रेडाई
के चेयरमैन पीताम्बर आनंद ने बताया कि सब को आवास देने में प्रधानमंत्री
ने जो सपना देखा है उसमें क्रेडाई अपना योगदान देगा। पूरे देश में 21 लाख
30 हज़ार फ्लैट प्रधानमंत्री आवास योजना के बैनर तले
बनाए जाएंगे। प्रदेश में लगभग 20 हजार फ्लैटों का निर्माण अगले डेढ़ साल में
किया
जाएगा। ये फ्लैट लगभग 110 स्क्वायर मीटर कार्पेट एरिया के होंगे।
ये भी की मांग –
इसके अलावा क्रेडाई की ये भी मांग है कि ईडब्ल्यूएस श्रेणी के मकानों को स्टांप ड्यूटी के बाहर रखा जाए। क्रेडाई ने मांग की है कि एक देश में एक स्टाम्प ड्यूटी हो। मौजूदा समय में यूपी में स्टाम्प
ड्यूटी लगभग 7% तक आती है जबकि देश के कई राज्य ऐसे हैं जहां पर यह तीन से
पांच पर्सेंट तक ही है।
वित्त राज्यमंत्री संतोष गंगवार ने भी क्रेडाई के
इस कदम को सहराया। उन्होंने कहा सब को आवास देना भारत सरकार का एक महत्वकांशी
लक्ष्य है। इसके लिए निजी क्षेत्र से सक्रिय भागीदारी जरूरी है।
स्वच्छ भारत को भी योगदान
क्रेडाई
क्लीन सिटी मूवमेंट के तर्ज पर स्वच्छ भारत अभियान को भी बढ़ावा दे रहा
है। इसके तहत 650 सौ हाउसिंग कोंडोमिनियम और 80 हजार अपार्टमेंट को कवर
किया
गया है। सीसीसीएम को सरकार और उद्योग दोनों द्वारा जीरो सॉलिड वेस्ट के लिए
पहचान दी जा चुकी हैं। इसमें आर्थिक रुप से कमजोर 650 से अधिक महिलाओं को
रोजगार दिया गया है।
क्रेडाई ने कहा कि रेरा और जीएसटी को लेकर स्थितियां साफ़ नहीं है। देश में 13 ऐसे राज्य हैं जहा रेरा लागू नहीं है।
बताते चलें यूपी अहेड विद द टाइटंस में
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ शिरकत करेंगे। 23 जुलाई को होने वाले इस कार्यक्रम में प्रधानमंत्री
आवास के अंतर्गत बन रहे आवासों के बारे में चर्चा तो होगी ही साथ ही क्रेडाई
अपनी मांगों को भी प्रदेश सरकार के सामने रखेगा।