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क्या है Navratri का अर्थ, जानिए Kalash Yatra और Kalash Sthapana के साथ पूजा की तारीख

locationलखनऊPublished: Sep 21, 2017 02:32:13 pm

Submitted by:

Ashish Pandey

आप को जानकारी के लिए बता दें कि हिन्दू धर्म में Navratri पर्व साल में दो बार आता है। एक शरद माह की नवरात्रि और दूसरी बसंत माह की नवरात्रि।

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Navratri special combination in this time will, after 16 years in the making yoga

लखनऊ. हिन्दू धर्म में Shardiya Navratri पूरे देश में बहुत ही धूमधाम से मनाया जाता है। इस दौरान महिलाएं Kalash Yatra व Kalash Sthapana करती हैं। साथ ही मां दुर्गा की आराधना भी करती हैं। पिछले साल की तरह इस साल भी मां दुर्गा की भव्य कलश यात्रा निकाली जाएगी। दुर्गा जी के पंडाल को भव्य सजाया जायेगा और नवरात्र पूजा के दौरान विभिन्न धार्मिक कार्यक्रमों का भी आयोजन किया जायेगा।

आप को जानकारी के लिए बता दें कि हिन्दू धर्म में यह पर्व साल में दो बार आता है। एक Shardiya Navratri और दूसरी Basantik Navratri। इस पर्व के दौरान तीन प्रमुख हिंदू देवियों- पार्वती, लक्ष्मी और सरस्वती के नौ स्वरुपों श्री शैलपुत्री, श्री ब्रह्मचारिणी, श्री चंद्रघंटा, श्री कुष्मांडा, श्री स्कंदमाता, श्री कात्यायनी, श्री कालरात्रि, श्री महागौरी, श्री सिद्धिदात्री का पूजन विधि विधान से किया जाता है जिन्हे नवदुर्गा कहते हैं। नवरात्रि का अर्थ होता है, नौ रातें।

यह है नवरात्रि की तारीख (Shardiya Navratri Date)
इस बार शारदीय नवरात्रि 21 सितंबर दिन मंगलवार से शुरू हो रहा है। इस दौरान नौ दिन मां भगवती की आराधना की काफी धूम रहेगी। नौ दिनों तक भक्त मां की आराधना बड़े ही उत्साह से करते हैं। इन दिनों घटस्थापना का मुहूर्त लग्न और चौघडि़या दोनों रूपों ‍में दिया जा रहा है।

यह है लग्न के अनुसार घट स्थापना मुहूर्त (Ghatasthapna Muhurat)
-सिंह और कुंभ लग्न में घटस्थापना का मुहूर्त विशेष स्थान रखता है।
-सिंह लग्न में प्रात: 5 बजे से 7:24 बजे तक
धनु लग्न में सुबह 11:57 बजे से दोपहर 2:03 बजे तक
-कुंभ लग्न में दोपहर 3:50 बजे से शाम 5:20 बजे तक
-मेष लग्न में शाम 6:48 बजे से रात 8:26 बजे तक

चौघड़िया के अनुसार घट स्थापना मुहूर्त (Choghadiya Kalash Sthapana Muhurat)
-दोपहर 11:48 बजे से 12:15 बजे तक अभिजीत योग है। यह अत्यंत प्रभावी माना गया है।
-मंगलवार सुबह 10:30 बजे से दोपहर 12 बजे तक लाभ
-दोपहर 12 बजे से 1:30 बजे तक अमृत
-दोपहर 3 बजे से 4:30 बजे तक शुभ
यह हैं मां दुर्गा के नौ रूप
शैलपुत्री – इसका अर्थ- पहाड़ों की पुत्री होता है।
ब्रह्मचारिणी – इसका अर्थ- ब्रह्मचारीणी।
चंद्रघंटा – इसका अर्थ- चाँद की तरह चमकने वाली।
कूष्माण्डा – इसका अर्थ- पूरा जगत उनके पैर में है।
स्कंदमाता – इसका अर्थ- कार्तिक स्वामी की माता।
कात्यायनी – इसका अर्थ- कात्यायन आश्रम में जन्मि।
कालरात्रि – इसका अर्थ- काल का नाश करने वली।
महागौरी – इसका अर्थ- सफेद रंग वाली मां।
सिद्धिदात्री – इसका अर्थ- सर्व सिद्धि देने वाली।

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