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डिप्टी सीएम बोले, पांच दिन ही स्कूल बैग ले जाएंगे बच्चे

locationलखनऊPublished: May 27, 2017 02:39:00 pm

Submitted by:

Dikshant Sharma

अध्यापकों
के ट्रांसफर और पोस्टिंग में भी पारदर्शिता होगी।

dinesh sharma

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लखनऊ। सूबे की सरकार ने किसानों की कर्ज माफ़ी के साथ ही ये लक्ष्य रखा है कि किसानों की आये 2022 तक दो गुना की जाए। इसी के साथ गांव में 18 घंटे, तहसील में 22 और शहरों में 24 घंटा बिजली पहुंचाई जा रही है। इसके लिए प्रदेश सरकार ने प्राइवेट कंपनियों से बिजली भी खरीदी है। हमारी ज़िद्द है प्रदेश का विकास। ये कहना है प्रदेश के उप मुख्यमंत्री डॉ दिनेश शर्मा का।

होटल रेनैस्संस में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान डॉ दिनेश शर्मा ने ये बात कही। इसके अलावा उन्होंने इस बात का ज़िक्र किया कि प्रदेश सरकार द्वारा शिक्षा प्रणाली में खासा बदलाव होगा। उन्होंने कहा कि दुखी मन से कोई पढ़ा नही सकता और न ही ऐसे माहौल में कोई बच्चा पढ़ सकता है। जब तक अपने काम के प्रति इंट्रेस्ट नहीं होगा अच्छे नतीजे नहीं निकलेंगे। सरकारी टीचर कभी बीपीएल, गणना या चुनाव की ड्यूटी में तैनात कर दिए जाते हैं। इससे शिक्षा के क्षेत्र में बाधा आती है। इसे दूर किया जाएगा।

सिर्फ 5 दिन बच्चे लेजाएं बैग

बच्चों के ऊपर भी शिक्षा का दबाव बढ़ रहा है। शिक्षा विभाग द्वारा एक प्रस्ताव तैयार किया गया है जिसे कैबिनेट में भी जल्द पेश किया जाएगा। सभी मीडियम के बच्चों को 5 दिन नार्मल पढाई और 6 ठे दिन बिना बैग स्कूल जाने की व्यवस्था की जा रही है। इस दिन उन्हें कोकरिकुलर एक्टिविटी जैसे डिबेट, पेंटिंग, क्विज आदि जैसी चीज़ें कराई जाएं।

अध्यापक अपनी पोस्टिंग के ऑनलाइन करेंगे अप्लाई
 
अध्यापकों के ट्रांसफर और पोस्टिंग में भी पारदर्शिता होगी। इसके लिए एक ख़ास मॉडल बनाया जा रहा है। ये मॉडल पूरे देश में अभी कहीं नहीं है। शिक्षक इसके लिए ऑनलाइन अप्लाई कर सकेंगे। वेबसाइट के ज़रिये ही पता चल जाएगी कि कहाँ कितने पद हैं और प्रतिमिक्ता के अनुसार अप्लाई करने का ट्रांसफर होगा। वृद्ध, महिलाएं और आवश्यकता वालों को प्राथिमिकता दी जाएगी। ये भी देखा गया है की गांव में पोस्टिंग लेने में शिक्षकों को कम दिलचस्पी है। इसलिए ऐसे शिक्षकों को अतिक्रिक्त सुविधा देने पर भी विचार किया जा रहा है।

गुजरात की तर्ज पर तैयार हो रहा है इंडस्ट्रियल प्लान
 
गुजरात की तर्ज पर इंडस्ट्रियल प्लान तैयार किया जा रहा है। इंडस्ट्री लगाने या छोटे उद्योग बढ़ाने के लिए लोगों को प्रोत्साहन देने की ज़रुरत है। इसमें सरकार ज़मीन देने या आर्थिक रूप से मदद करती है। कहाँ कौन सी ज़मीन कितनी खाली है इसका विवरण भी ऑनलाइन मौजूद होगा और इच्छुक व्यक्ति ऑनलाइन ही इसका शुल्क जानकर आवेदन कर सकेगा।

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