जबलपुर। पंच दिवसीय महापर्व दीपोत्सव की शुरुआत पर धनतेरस के दिन बाजार में धन की बारिश हुई। लोगों ने उत्साह के साथ जमकर खरीदारी की। इस साल प्रॉपर्टी, ज्वेलरी, इलेक्ट्रॉनिक, बर्तन और ऑटोमोबाइल क्षेत्र में अच्छा कारोबार हुआ। मुख्य बाजारों में शाम होते ही पैर रखने की जगह नहीं मिली। एक अनुमान के मुताबिक जबलपुर जिले में सभी क्षेत्रों में धनतेरस पर 320 करोड़ से ज्यादा का कारोबार हुआ।
रात तक चला व्यापार
शुक्रवार सुबह से ही कारोबार का दौर शुरू हो गया। जब लोग सुबह सड़कों पर टहलने निकले तो बाजार सजा मिला। हालांकि सुबह कारोबार धीमा रहा। दोपहर होते ही तेजी का जो दौर शुरू हुआ वह देर तक चला। कार एजेंसियों में तो कुछ लोग बकायदा ढोल नगाडे़ लेकर पहुंचे। वहीं मोटरसाइकल की एजेंसियों में ग्राहकों को डिलेवरी के लिए घंटों इंतजार करना पड़ा। एलईडी टीवी, वाशिंग मशीन, फर्नीचर को ले जाने के लिए लोगों को वाहन तक मिलना मुश्किल हुआ। प्रॉपर्टी में मंदी का माहौल खत्म हुआ। डेढ़ सैकड़ा से ज्यादा मकान एवं प्लॉट की बिक्री हुई। इस बार प्रॉपर्टी के अलावा ज्वेलरी, ऑटोमोबाइल और इलेक्ट्रॉनिक आइटम का अच्छा खासा व्यवसाय हुआ।
कपड़ा
बच्चें, महिला और पुरुषों के रेडीमेड गारमेंट का कारोबार भी किसी से कम नहीं है। बाजार में बच्चों के लिए कई तरह के डिजाइन आए हैं। महिलाओं के लिए साडि़यों में भी अच्छी रेंज है। पुरुषों के लिए कुर्ता पैजामा से लेकर जींस और शर्ट भी बाजार में उपलब्ध थे।
इलेक्ट्रॉनिक
बाजार में सबसे ज्यादा वेरायटी इलेक्ट्रॉनिक्स आइटम की है। हर सेगमेंट में कई डिजाइन और खूबियो वाली चीजें बाजार में उपलब्ध हैं। टीवी, फ्रीज, घरेलू जरुरत की चीजे, मोबाइल और कम्पयूटर की जबर्दस्त मांग है। लोगों ने पहले से अपने उत्पादों को बुक करवा कर रखा था।
मुम्बई-दिल्ली के फूलों से सजेंगे घर
लक्ष्मी के आगमन के लिए घरों को सजाने के लिए बाजार में सैकड़ों तरह की सजावटी वस्तुएं मौजूद हैं। इस साल कई वेरायटी और डिजाइनों का सजावटी माल बाजार में आया है। ज्यादातर उत्पाद मुम्बई, दिल्ली एवं कोलकाता के अलावा चेन्नई से आ रहा है। विक्रेता सन्मती जैन ने बताया कि दीपावली त्योहार पर तोरण और शुभ लाभ के स्टीकर एवं माला की बिक्री ज्यादा होती है। उन्होंने बताया कि ग्राहकों के लिए 5 रुपए से लेकर 1 हजार की माला, 30 से 100 रुपए तक के बैनर, 5 से 30 रुपए के शुभ-लाभ स्टीकर, 20 से 1 हजार रुपए तक तोरण द्वार और 20 से 50 रुपए कीमत के झूमर बाजार में बेचे गए.