न्यायालय से खिलवाड़ पर मिली कारावास
जयपुरPublished: Oct 30, 2015 01:42:00 pm
उदयपुर. पूर्व यूआईटी अध्यक्ष सनाढ्य और दो अधिकारियों को दो माह का सिविल कारावास
न्यायालय की अवमानना व स्थगन आदेश के बावजूद भूखण्ड में तोड़-फोड़ का मामला
न्यायालय के आदेश की अवमानना करने पर न्यायालय ने उदयपुर यूआईटी के तत्कालीन अध्यक्ष शिवकिशोर सनाढ्य, सचिव उज्ज्वल राठौड़ व तहसीलदार मुकेश जानी को दो माह के सिविल कारावास की सजा सुनाई है। इस मामले में जिला कलक्टर सहित तीन जनों को दोषी नहीं माना गया। सविना निवासी दयालाल चौधरी ने तत्कालीन यूआईटी अध्यक्ष सनाढ्य, सचिव (आरएएस अधिकारी) राठौड़, कार्यवाहक तहसीलदार जानी, तत्कालीन जिला कलक्टर शिखर अग्रवाल, अतिरिक्त जिला कलक्टर राजीव जैन व देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त मुकेश बारहठ के खिलाफ कोर्ट की अवमानना का वाद दायर किया था। परिवादी ने बताया कि सविना मैन रोड पर उसके पिता धनराज चौधरी के नाम से 30 गुणा 20 गज का पट्टेशुदा भूखण्ड है। भूखण्ड पर निर्माण करवाया, तो यूआईटी ने अवैध बताते हुए उसे तोडऩे के आदेश दे दिए। इस संबंध में वाद दायर करने पर सिविल न्यायालय ने स्थगन आदेश दे दिया। यूआईटी ने इसके खिलाफ जिला एवं सत्र न्यायालय में अपील की, जिसे न्यायालय ने खारिज करते हुए अधीनस्थ न्यायालय के आदेश को यथावत रखा। न्यायालय के स्थगन आदेश के बावजूद यूआईटी ने 14 जून 2007 को भूखण्ड की चारदीवारी, एक दुकान व कोठरी को तोड़ दिया। यूआईटी की इस कार्रवाई पर परिवादी ने न्यायालय में अवमानना का वाद दायर किया। न्यायालय ने सुनवाई के बाद गुरुवार को तत्कालीन अध्यक्ष, सचिव व तहसीलदार को दोषी मानते हुए सजा सुनाई।