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धम्मक-धम्मक आता हाथी, फसलों को चट कर जाता हाथी, बच्चे नहीं बड़े बोल रहे ये कविता

locationमहासमुंदPublished: Sep 24, 2016 07:31:00 pm

पिछले कई दिनों से ग्रामीण आला अधिकारियों के सामने धम्मक-धम्मक आता हाथी और फसलों को चट कर जाता हाथी की कविता सुना रहे हैं

grow Waste an elephant

6 farmers grow Waste an elephant in Junwani

महासमुंद. सिरपुर के आसपास के गांवों में हाथियों की दहशत बरकरार हैं, लेकिन वन विभाग के अधिकारी हाथ पर हाथ धरे बैठे हैं। वहीं मालेडीह, लहंगर, छपोराडीह गुरुडीह के गांवों में हाथियों के झुंड की दस्तक देखने को मिल रही है। वहीं, बार-बार मामले की शिकायत करने के बावजूद अधिकारी इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। आलम यह है कि पिछले कई दिनों से ग्रामीण आला अधिकारियों के सामने धम्मक-धम्मक आता हाथी और फसलों को चट कर जाता हाथी की कविता सुना रहे हैं।

इसके लिए ग्रामीण कई बार बैठक कर रणनीति भी बना चुके हैं। जब वन विभाग द्वारा कोई खास कार्रवाई नहीं की गई तो ग्रामीणों ने कृषि मंत्री बृजमोहन अग्रवाल से मुलाकात की थी। जहां किसानों को सात दिन में हाथियों के खदेडऩे का आश्वासन मिला था। जिसमें अभी कोई खास प्रगति वन विभाग द्वारा नहीं हुई है।

जिसके कारण गुरुडीह के ग्रामीणों ने निर्णय लिया है कि अगर हुल्ला पार्टी सहयोग करने के लिए आती है तो 10-10 की संख्या में ग्रामीण उनके साथ रहेंगे। वहीं अभी तक वन विभाग द्वारा कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है। जिस कारण उन्होंने निर्णय लिया हैं, अब बहुत हो चुका। अगर यही स्थिति रही तो आने वाले समय में डीएफओ का घेराव किया जाएगा।

,उनका कहना है कि आज तक डीएफओ ने गांवों का दौरा तक नहीं किया है। वहीं इनके अफसर ग्रामीणों की पीठ पर सवार होकर नाला आदि पार करते हैं और इसके बाद वे हाथियों के होने के संभावित स्थानों की ओर जाते हैं और हाथ पर हाथ धरे रहते हैं।
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