महराजगज. प्रदेश में सरकार उस पार्टी की है जिसके मुखिया धरती पुत्र कहे जाते है। जस दल की नीति किसान हितैषी और सोच किसानों की उन्नति कही जाती है। पर सपा के राज में किसानों को जिस तरह से संकट में देखा जा रहा वह कत्तई सरकार को किसान हितैषी तो साबित नहीं कर सकती।
एक भी सरकारी क्रय केन्द्र न खुलने से किसान अपनी उपज को बिचौलियों को औने-पौने दामों पर बेचने को मजबूर हैं।
क्षेत्र के नौतनवा मंडी समिति पर सरकार के धान क्रय का दावा खोखला साबित हो रहा है। धान क्रय केंद्र न खुलने से किसान परेशान हैं। आलम यह है कि एक महीने माह बीत गए मगर क्षेत्र में एक भी क्रय केन्द्र के ताले नहीं खुले हैं। क्रय केंद्र न खुलने से नाराज किसान सुख्खुराम, रमेश कुमार, श्यामलाल इत्यादि का कहना है कि एक तरफ किसी तरह सूखे की मार ङोलकर किसी तरह सिंचाई कर धान उपजाया। अब सरकारी क्रय केंद्र न खुलने से धान बिचौलियों के हाथ बेचना पड़ रहा है। किसानों ने कहा कि सरकार के इस रवैये से हमारी मेहनत बर्बाद हो रही है। और हमें मुश्किल का सामना करा पड़ रहा है।