मैनपुरी। प्रदेश की योगी सरकार मासूम बच्चों को पढ़ाने और उनके उज्जवल भविष्य के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। जिला स्तर पर ये सारी योजनाएं दम तोड़ती नजर आ रही है। जिले में प्रशासन की लापरवाही के चलते जिन मासूमों के हाथ में कापी किताबें होनी चाहिए वो मासूम इन दिनों ठेलों और चाय की दुकानों समेत जिले की हर दूसरी दुकानों पर बर्तन माजतें नजर आते हैं।
कई स्थानों पर करते हैं काम
मैनपुरी जनपद में बाल श्रम का जो घिनौना चेहरा दिखाई दे रहा है उस देख कर कोई भी सोचने पर मजबूर हो जायेगा। मैनपुरी शहर की बात की जाए तो शहर की हर चाय की दुकान पर नास्ते के ठेले पर ढाबों पर और तो और जनपद की हर दूसरी दुकान पर एक मासूम अपना बचपन गवांता मिल जायेगा। इशन नदी पुल, रोडवेज बस स्टैंड, भांवत चौराहा, करहल चौराहा, ज्योति तिराहा समेत कई जगहों पर नास्ते का ठेल लगा रखी है। इनके पास 10-12 साल के मासूम बच्चे बड़ी आसानी से बर्तन धोने से लेकर हर वो काम करते दिख जाएंगे जो काम 18 साल से उपर के युवक को करना चाहिए। जिले के बाल श्रम विभाग की नजर इसपर नहीं पड़ती। विभाग के अधिकारियों को जिले में बालश्रम दिखाई ही नहीं देता है।
मासूमों को बालश्रम से मुक्ति दिलाई जाएगी
इस सम्बन्ध में जब उप जिलाधिकारी अमित सिंह से बात की गई तो उनका कहना था कि मीडिया के माध्यम से बाल श्रम की जानकारी हुई है। इसमें अचानक छापेमारी कर बाल श्रम कराने वालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्यवाही की जाएगी। एक अभियान के तहत मासूमों को बाल श्रम से मुक्ति दिलाई जाएगी।