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Class बंक मारी, तो पकड़े जाओगे

Published: Apr 17, 2015 04:53:00 pm

झूठ बोलना नहीं होगा आसान, क्योंकि पैरेंट्स को एसएमएस से मिलेगी एंट्री-एग्जिट की इंफॉर्मेशन

biometric attendence

biometric attendence

आपके बच्चे कॉलेज पहुंच गए हैं। अब कॉलेज से निकल गए हैं, वह आज ज्योग्राफी की क्लास में नहीं था। हां, अब स्टूडेंट्स के कैम्पस में एंट्री-एग्जिट की इंफॉर्मेशन तुरंत पहुंचेगी पेरेंट्स के पास। ऎसा संभव होगा “स्टूडेंट अटेंडेंस सिस्टम” टेक्नोलॉजी के जरिए। बहुत से कॉलेज इस टेक्नोलॉजी को इम्प्लीमेंट करने की तैयारी कर रहे हैं। वहीं कुछ इंस्टीट्यूट में ऎसी ही टेक्निक या एप के जरिए बच्चों की सूचनाएं घर तक भेजी जा रही हैं। यानी, क्लास बंक मारने को कोई ऑप्शन नहीं।

रहेगा झूठ पकड़े जाने का डर

तकनीक के फायदे और नुकसान दोनों होते हैं। यहां भी यह चरितार्थ होते दिख रहा है। पैरेंट्स को जहां कॉलेज से मिलने वाले अपडेट्स से बच्चे की पल-पल की खबर रहेगी। वहीं कॉलेज पहुंचकर क्लास बंक मारने वाले स्टूडेंट्स इस सिस्टम से पकड़े जाएंगे। लड़का या लड़की कॉलेज से कब निकले, घंटों कहां गायब रहे आदि को लेकर अब झूठ बोल पाना मुश्किल हो जाएगा।

मैसेज से दूर होगी चिंता
खास तौर पर गल्र्स को लेकर टेंशन में रहने वाले पैरेंट्स को इस सिस्टम से काफी राहत मिलने वाली है। यदा-कदा प्रैक्टिक्ल के दौरान लौटने में देर हो जाती है। जमाना खराब है, इसलिए समय के साथ-साथ टेंशन बढ़ने लगती है। ऎसे में यदि कॉलेज से कोई मैसेज मिलने लगेगा, तो यह सुकून देने वाली बात होगी।

एप से मिलता पूरा डाटा
जयपुर की आईआईएस यूनिवर्सिटी में इस तरह की कवायद पहले से ही जारी है। यूनिवर्सिटी की ओर से “मेटा कैम्पस” नाम का एप संचालित किया जा रहा है। इसमें पेरेंट्स को अकाउंट दे रखा है, जिससे वे कम्प्यूटर पर बच्चे का ऑनलाइन डाटा देख सकते हैं। क्या असाइनमेंट मिला है? कौन-सा पीरियड अटैंड किया? किसमें एबसेंट रहा? बच्चे के मार्क्स मिड टर्म और फाइनल में कितने रहे आदि। अब इस साल से एंड्रॉयड और आईफोन पर यह एप शुरू हो गई है। पैरेंट्स इस एप को डाउनलोड करके ये सारी इंफ ॉर्मेशन मोबाइल पर देख सकते हैं। बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम में स्टूडेंट्स के आई कार्ड और थम्ब इम्प्रेशन रजिस्टर्ड किए गए हैं। पूरे कॉलेज में आठ मशीन लगी हैं। जब स्टूडेंट कॉलेज में इस सिस्टम पर पंच करता है, तो पैरेंट्स के मोबाइल पर डेट और टाइम सेंड हो जाता हैं। स्टूडेंट के कॉलेज से एग्जिट होने पर भी यही मैसेज पहुंचता है।

अटेंडेंस, मार्क्स की जानकारी एसएमएस से
जयपुर के पोद्दार इंटरनेशनल कॉलेज के डायरेक्टर आनंद पोद्दार ने बताया कि स्कूल में तो यह सिस्टम लगवा रखा है। कॉलेज स्टूडेंट्स के लिए भी अलग से व्यवस्था कर रखी है। स्टूडेंट्स का मंथली डाटा पैरेंट्स को मोबाइल पर सॉफ्टवेयर के जरिए भेजा जाता है। इसमें स्टूडेंट्स की अटेंडेंस, मार्क्स जैसी जानकारी होती हैं।

क्या है यह सिस्टम
अटेंडेंस के मामले में बायोमीट्रिक सिस्टम को लेटेस्ट टेक्नोलॉजी के तौर पर देखा जाता था। इसमें स्टूडेंट्स के अंगूठे के निशान के जरिए अटेंडेंस ऑनलाइन फीड होती थी। इसी का एडवांस्ड रूप ये सिस्टम है, जिसमें स्टूडेंट के कैम्पस में एंट्री के समय बायोमेट्रिक सिस्टम से उपस्थिति ऑनलाइन दर्ज हो जाती है। इस एंट्री टाइम को सर्वर के जरिए पैरेंट्स के मोबाइल नंबर पर भेजा जाता है। यही प्रक्रिया एग्जिट के समय होती है। इसके लिए सबसे पहले कॉलेज में स्टूडेंट्स का डाटा बेस तैयार होता है। एनरॉलमेंट नंबर, एक्टिविटीज और पर्सनल डिटेल सभी जानकारियां ऑनलाइन की जाती हैं।
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