जयपुर। जीवन में आगे बढऩे के लिए हर समय सबकुछ आपके अनुकूल नहीं चलता। इस दौरान बहुत सी विपरीत परिस्थितियों और आपके खिलाफ खड़े लोगों से आपको जीतना पड़ता है। बाहरी परिस्थितियों को हरा पाना आसान होता है लेकिन एक दुश्मन आपके अंदर होता है, जिसे हरा पाना आसान नहीं होता। यह अंदरूनी दुश्मन आपके अंदर की वह नेगेटिव आवाज है, जो हर नया या बड़ा काम करने से पहले आपको ‘सेल्फ डाउट’ से भर देती है।
यह आपको किसी भी नए काम के इतने नकारात्मक पहलू दिखा देती है कि आप इससे जुड़े अवसरों और सकारात्मक पहलुओं को देख ही नहीं पाते। सकारात्मक पहलू देख पाने की क्षमता विकसित करके ही आप अपने इस अंदरूनी दुश्मन को हरा सकते हैं। नीचे दिए सवालों के जवाब देकर जानिए कि फिलहाल इस मामले में आपकी स्थिति कैसी है?
1. एक नए सब्जेक्ट को पढऩे को लेकर आप शंकित हैं? क्या करेंगे?
(अ) यह सब्जेक्ट लेंगे ही नहीं।
(ब) मन है इसे पढऩे का, दूसरों से मदद लेंगे, एक्स्ट्रा पढ़ेंगे।
(स) किस्मत आजमाएंगे कि पास होते हैं या नहीं।
(द) जो टीचर कहेंगे वह करेंगे।
2. जीवन का एक अहम फैसला आप ले रहे हैं। लेकिन अंदर से डर रहे हैं। यह फैसला कैसे करेंगे?
(अ) छोड़ देंगे, नहीं करेंगे।
(ब) अपने डरों का सामना करके उनका आधार ढूंढेंगे।
(स) अनुभवी लोगों से सलाह लेंगे।
(द) आंख मूंदकर फैसला करेंगे।
3.एक नया प्रोजेक्ट मिलने पर आपकी प्रतिक्रिया क्या होती है?
(अ) बिल्कुल हां नहीं करते।
(ब) मेहनत करते हैं उसपर।
(स) किसी और को दे देते हैं।
(द) छुट्टी कर लेते हैं।
1. (अ) 0 (ब) 5 (स) 1 (द) 3
2. (अ) 0 (ब) 5 (स) 3 (द) 1
3. (अ) 1 (ब) 5 (स) 3 (द) 0
अंक- 9-15- आप अंदरूनी डर का सामना करके उससे उबरते हैं।
5 से 9- कई बार आप इस निगेटिव आवाज से डर जाते हैं।
5 से कम- निगेटिव आवाज सुनकर अपनी सुरक्षा मजबूत करना अच्छा है लेकिन डरकर बैठना खराब है।
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