scriptस्टार्टअप से सक्सेस तक का सफर | Journey from startup to success | Patrika News

स्टार्टअप से सक्सेस तक का सफर

Published: May 15, 2015 03:13:00 pm

बिजनेस स्टार्टअप को सक्सेस के मुकाम तक ले जाने के लिए आपको अपनाने होंगे
बिजनेस के कुछ खास मंत्र

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कोई भी बिजनेस स्टार्टअप आपको इसमें सफलता की गारंटी नहीं दे सकता और न ही आपके किसी पिछले बिजनेस की सफलता किसी नए स्टार्टअप का लाभ ही सुनिश्चित कर सकती है। लेकिन कुछ ऎसे मंत्र जरूर मौजूद हैं, जो आपके नए या पुराने बिजनेस को सफलता के मुकाम पर पहुंचाने में मदद कर सकते हैं। ये मंत्र कोई दैवीय मंत्र नहीं हैं, बल्कि नए-पुराने एंटरप्रेन्योर्स के लिए एक रूलबुक की तरह हैं। इनका पालन अपने प्रोफेशनल जीवन में करके एंटरप्रेन्योर्स अपने स्टार्टअप्स की सफलता को काफी हद तक सुनिश्चित कर सकते हैं। इन मंत्रों का महत्व किसी भी स्टार्टअप के प्रत्येक चरण में रहता है क्योंकि ये मंत्र बिजनेस की शुरूआत से लेकर कस्टमर्स के जुड़ जाने, प्रतिद्वंदियों से स्पर्घा करने और फिर विस्तार जैसी हर स्थिति में बने रहते हैं। आप भी समझिए इन मंत्रों को और अपने प्रोफेशनल जीवन में इन्हें अपनाकर, अपने स्टार्टअप को ले जाएं सक्सेस की नई ऊंचाइयों तक।

नहीं चलेगी चीटिंग
किसी भी स्टार्टअप को लगातार सफल बनाने का सबसे पहला रूल है कि आप किसी दूसरे की देखादेखी न करें वर्ना पूरे मन से कभी भी प्रयास नहीं कर पाएंगे। कोई और अगर किसी बिजनेस विशेष में सफलता हासिल कर रहा है तो जरूरी नहीं कि आपको भी उसी में सफलता मिलेगी या आपका भी मन उसमें ही रमेगा। इसलिए बिजनेस शुरू करने का सबसे पहला कदम यही है कि आप हमेशा बिजनेस वही चुनें, जो आपको पसंद है।

कहां है कमी
बिजनेस की शुरूआत से पहले जो सबसे पहला सवाल दिमाग में आता है, वह है कि बिजनेस करना क्या है? इस सवाल का जवाब ढूंढने के लिए सबसे पहले अपने आस- पास कोई कमी या कोई जरूरत ढूंढें, जिसके तत्काल पूरा किया जाना जरूरी हो गया है। कमी पहचान कर आप अपने प्रोडक्ट को बाजार में आसानी से प्लेस कर पाएंगे। इस कमी के बारे में जागरूकता फैलानी जरूरी है।

बिजनेस प्लानिंग
बिजनेसेज की विफलता के पीछे की एक मूल वजह यह भी रहती है कि नए एंटरप्रेन्योर्स अपने बिजनेस के बजट की पूरी प्लानिंग नहीं करके चलते। इस वजह से उन्हें कई बार कई महत्वपूर्ण खर्चों मे कटौती करनी पड़ती है। इस स्थिति से बचने के लिए अपने बजट की पूरी प्लानिंग करें। इसकी प्रोडक्शन के साथ-साथ मार्केटिंग, डिलीवरी, ह्यूमन रिसोर्स पर होने वाले खर्च भी शामिल करें। तब आपको कटौती नहीं करनी होगी।

मार्केटिंग स्ट्रेटेजी

बहुत बार बिजनेस की विफलता के पीछे की मुख्य वजह उस बिजनेस का सही ढंग से दिख न पाना होता है। कितने ही एंटरप्रेन्योर इस सोच के साथ बैठे रहते हैं कि हमारे उत्पाद अच्छे हैं, इसलिए हमें तो प्रचार की जरूरत ही नहीं। आज कंपीटिशन की भीड़ में बिकने के लिए दिखना जरूरी हो गया है। इसलिए प्रोडक्ट्स के साथ-साथ इनके प्रमोशन पर भी मेहनत करें।

जमीन पर काम
लगभग हर दूसरे टारगेट कस्टमर की पहुंच इंटरनेट तक होने के कारण ऑनलाइन प्रचार आज ट्रेंड में है, लेकिन यह प्रचार जमीनी स्तर पर किए जाने वाले प्रचार की जगह नहीं ले सकता। जमीनी स्तर पर किए जाने वाले प्रचार से यहां अर्थ लोगों से डायरेक्ट कनेक्ट से है। यह डायरेक्ट कनेक्ट टीवी के जरिए भी हो सकता है और पर्सनल कनेक्ट वाले अभियानों से भी।

रेग्युलर चेकअप
जिस रणनीति ने आपके पिछले प्रोजेक्ट को लाभ पहुंचाया था, जरूरी नहीं कि वह इस प्रोजेक्ट को भी उतना ही फायदा पहुंचाए। हर बिजनेस प्रोजेक्ट पर एक सी स्ट्रेटेजी लगाने से बचने के लिए जरूरी है कि अपने बिजनेस का रेग्युलर चेकअप करते रहें। इस चेकअप में आपको यह देखना है कि किस नीति ने कहां फायदा पहुंचाया और कहां उसके कारण नुकसान हो रहा है? इससे आप सही समय पर नीतियों में बदलाव भी कर सकते हैं।

कस्टमर रिटेंशन
अगर आपके पुराने कस्टमर्स आपका साथ छोड़-छोड़कर जा रहे हैं तो बिजनेस की सफलता का पैमाना कभी भी नए-नए कस्टमर जोड़ना नहीं हो सकता। बिजनेस की सफ लता को स्थायी बनाए रखने के लिए जरूरी है कि आप अपनी कंपनी में कस्टमर रिटेंशन पर काम करें। अपने पुराने कस्टमर्स को महत्व दें। इस तरह उन्हे आपकी कंपनी के साथ जुड़ाव लगेगा और वे साथ बने रहेंगे।

करें एक्सपेंशन
किसी एक बिजनेस मे सफलता हासिल करने के साथ-साथ इसे कुछ इस तरह विस्तार देने की कोशिश करें, जिससे आपके मूल बिजनेस को सहारा मिल सके। आप नए स्टोर्स और आउटलेट्स खोलने के प्रयास भी कर सकते हैं और मौजूदा स्टोर में ही विकल्प बढ़ाने की दिशा में भी कोशिश कर सकते हैं। एक्सपैन्शन का विकल्प चुनने से पहले अपने उपलब्ध स्रोतों, समय और पूंजी का आकलन जरूर कर लें।
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