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मैनेजमेंट मंत्र

ऎसे रखें अपने ऑनलाइन बिजनेस को सुरक्षित

ऑनलाइन बिजनेस के बढ़ते चलन के बीच इस पर कई तरह के खतरे बढ़ गए हैं,
जिनसे बचाव करना जरूरी है

Apr 17, 2015 / 03:50 pm

दिव्या सिंघल

ऑनलाइन बिजनेस के बढ़ते चलन के कारण लोग जहां अपनी शॉपिंग और विभिन्न सर्विसेज के लिए ई-मोड को प्राथमिकता देने लगे हैं, वहीं बहुत से सर्विस प्रोवाइडर्स और स्टोर्स के मालिक भी अपने बिजनेस को प्रसार देने के लिए ऑनलाइन मोड को महत्व देने लगे हैं। इस मंच पर ऑप्शन्स की भरमार, तुलना के विकल्प और घर बैठे ऑर्डर एवं डिलीवरी की सुविधा तो मिलती है, लेकिन इसके साथ ही ई-बिजनेस में कई तरह के खतरे भी मौजूद हैं।

इन खतरों के कारण ही कुछ लोग ई-ट्रांजेक्शन्स करने से बचते हैं। अपने ई-बिजनेस को इन खतरों से बचाते हुए आप इस मंच को अपने खरीददारों के लिए ज्यादा सुरक्षित स्थान बना सकते हैं। ये खतरे आपकी वेबसाइट के जरिए धन के लेन-देन के अलावा, साइट हैकिंग के अन्य पहलुओं से भी जुड़े हो सकते हैं। जो कि आपके कस्टमर्स को तो नुकसान पहुंचाते ही हैं, साथ ही आपके बिजनेस की छवि को भी प्रभावित करते हैं। इसलिए इन खतरों से बचाव के पर्याप्त उपाय पहले ही कर लें।

बिजनेस नेम की जांच

ऑनलाइन बिजनेस डीलिंग्स में आपकी पहचान आपके बिजनेस का नाम और इसका डोमेन नेम होती है। अपने ऑनलाइन बिजनेस का नाम और इसके लिए डोमेन नेम चुनते हुए सबसे पहले यह जांच लें कि इसी नाम का कोई और बिजनेस तो ऑनलाइन सक्रिय नहीं है? डोमेन नेम की रजिस्ट्रेशन करवाते समय यह भी जांच लें कि कहीं इससे मिलते जुलते नाम वाले बिजनेस किसी और डोमेन नेम के तहत तो नहीं चल रहे? ऑनलाइन बिजनेस नेम के समय यह सावधानी सुरक्षा के लिहाज से अहम कदम है

कोडिंग है जरूरी
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में सबसे ज्यादा खतरा उस संवेदनशील जानकारी को चुरा लिए जाने का होता है, जो कोई कस्टमर अपने डेबिट/क्रेडिट कार्ड या नेट बैंकिंग आदि के बारे में देता है। इस स्तर की सुरक्षा ऑनलाइन बिजनेसेज के लिए सबसे जरूरी होती है। इसलिए इन जानकारियों के इन्क्रिप्शन यानी एक कोडिंग विशेष का प्रावधान किया जाना चाहिए। इस तरह की व्यवस्था होने से यह संवेदन शील जानकारी हैकरों की पहुंच से दूर रखी जाएगी।

अपग्रेडिंग है जरूरी
ऑनलाइन बिजनेस को सुरक्षित बनाने के लिए आपने तरह-तरह के सॉफ्टवेयर्स अपने सिस्टम में इंस्टॉल करवाए ही होंगे। इन सॉफ्टवेयर्स में समय-समय पर अपग्रेडेशन किया जाता है। अपने सिस्टम में भी ये अपग्रेडेशन आप करवाते रहें, ताकि हैकर्स किसी सॉफ्टवेयर के पुराने वर्जन की खामियों का फायदा उठाकर आपको नुकसान न पहुंचा सकें।

पहुंच हो सीमित
ऑनलाइन ट्रांजेक्शन में कस्टमर्स की संवेदनशील डीटेल्स को पढ़ने या एक्सेस करने का अधिकार कुछ सीमित लोगों को ही होना चाहिए। इस पहुंच को सीमित बनाने के पीछे की मूल भावना यह है कि किसी व्यक्ति की संवेदनशील जानकारी का प्रसार सबके बीच न हो, नहीं तो इन जानकारियों के दुरूपयोग की आशंका बढ़ जाती है।

खुद को रखें बचाकर
कई बार हम साइट्स पर विजिटर्स को फीडबैक या कमेंट के नाम पर कुछ भी टिप्पणी करने या फोटो-वीडियो या अन्य जानकारी पोस्ट करने की इजाजत दे देते हैं। इन कमेंट्स, फोटोज, वीडियोज के विचारों की पूरी जिम्मेदारी आप तो ले नहीं सकते। इसलिए वेबसाइट पर स्पष्ट कर दें कि ये विचार आपकी कंपनी की निजी राय नहीं हैं। यह एक खुला मंच है।

स्पष्ट हो नीतियां
ऑनलाइन बिजनेस को सुरक्षित रखने का अर्थ इसे सिर्फ हैकिंग से बचाना नहीं है। इसका अर्थ यह भी है कि आप हर संभावित मुकदमेबाजी से भी अपना बचाव करते हुए चलते हैं। कन्ज्यूमर फोरम में अक्सर लोग आपकी सर्विसेज से असंतुष्ट होकर पहुंचते हैं। ऎसे में अपनी वेबसाइट पर माल की वापसी, पैसे के रिफंड, गारंटी, वारंटी आदि का पूरा ब्यौरा डालें। इस तरह से आप पहले से ही अपना पक्ष स्पष्ट करते हुए चलते हैं। आपका व्यवहार भी इन नियमों के अनुरूप हो।

बदलें सारे पासवर्ड
यह बात आपको बहुत मामूली सी लग सकती है लेकिन पूरा सिस्टम एक्टिवेट करवाते समय जो पासवर्ड आपने रखे थे, अगर उन्हें सिस्टम के एक्टिवेट हो जाने के बाद आप बदलते नहीं हैं, तो आपकी सुरक्षा पर हमेशा संदेह का एक घेरा बना रहेगा। इसलिए बेहतर होगा कि अपने सिस्टम्स की इंस्टॉलेशन के समय लगाए गए पासवर्ड्स को आप सिस्टम के एक्टिवेट हो जाने के कुछ समय बाद बदल लें। ये पासवर्ड्स इस मंच पर ट्रांजेक्शन्स से पहले ही बदल लिए जाने चाहिए और ये सबको न पता हों।

रेगुलर चेकअप
ऑनलाइन बिजनेस को सुरक्षित बनाने के ही क्रम में एक सबसे जरूरी कदम इसकी फंक्शनिंग का रेगुलर चेकअप करवाना है। किसी भी यूएसबी या अन्य किसी डिवाइस को सिस्टम में लगाने से पहले उसकी पूरी जांच स्कै निंग के जरिए कर लें। इन डिवाइसेज से वायरस के सिस्टम में चले जाने का खतरा बना रहता है। इसके अलावा यदि कस्टमर्स की ओर से ट्रांजेक्शन संबंधी कोई भी शिकायत आती है, तो उसे गंभीरता से लिया जाना चाहिए और उसकी पूरी जांच की जानी चाहिए।

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