ऑफिस को बनाए स्ट्रेस फ्री
किसी भी एम्प्लॉई के ऊपर काम का जरूरत से ज्यादा
वजन न हो, कंपनी का माहौल स्ट्रेस फ्री रहे
आज के दौर में हर सेक्टर में एम्प्लॉइज में स्ट्रेस तेजी से बढ़ रहा है। इससे उनकी कार्य क्षमता पर बुरा असर पड़ रहा है। जानते हैं कि संस्थान किस तरह से वर्कप्लेस को स्ट्रेस फ्री रखा जा सकता है।
बेसिक्स पर दें ध्यान
कोई भी संस्थान कुछ बेसिक बातों को ध्यान में रखकर एम्प्लॉइज को तनावमुक्त रख सकता है। अगर जॉब डिजाइन, वर्कप्लेस डिजाइन और वर्कफ्लो सही है तो चीजों में सुधार किया जा सकता है। इसके साथ ही यह भी ध्यान रखें कि किसी भी एम्प्लॉई के ऊपर काम का जरूरत से ज्यादा वजन न हो। कंपनी का माहौल स्ट्रेस बढ़ाता है, तो उसमें सुधार करें।
संवाद में करें सुधार
कंपनी में सबसे ज्यादा तनाव उस समय होता है, जब एम्प्लॉइज के मन में आशंकाएं बनी रहती हैं। आपको एम्प्लॉइज की जिम्मेदारी और भूमिका स्पष्ट करनी चाहिए। उन्हें जॉब से जुड़े निर्णय लेने की आजादी देनी चाहिए। अगर कंपनी के शीर्ष अधिकारी एम्प्लॉइज के साथ रिलेक्स होकर संवाद करेंगे तो उनका आत्मविश्वास बढ़ेगा और तनाव घटेगा।
बनाएं स्ट्रेसप्रूफ वर्कप्लेस
जब कंपनी अपने एम्प्लॉइज के साथ अच्छा व्यवहार करती है, तो वे दूसरी नौकरी की ओर ध्यान नहीं देते। कंपनी में तनाव कम और उत्पादकता ज्यादा करने के लिए आपको अच्छे काम पर एम्प्लॉइज की तारीफ करनी चाहिए, उन्हें कॅरियर डवलपमेंट के मौके देने चाहिए और ऎसा कल्चर विकसित करना चाहिए जहां हर व्यक्ति के काम को महत्व दिया जाए।
वर्क-लाइफ बैलेंस बनाएं
हर एम्प्लॉई के कंपनी के अंदर और बाहर कई तरह के कमिटमेंट होते हैं। कई बार काम के तनाव के कारण एम्प्लॉइज ये कमिटमेंट्स पूरे नहीं कर पाते और परेशान रहते हैं। कंपनी को एम्प्लॉइज को इस तरह से सपोर्ट करना चाहिए कि उनके वर्क-लाइफ बैलेंस में सुधार हो। कंपनी एम्प्लॉइज को फ्लेक्सिबल वर्किग आवर्स दे सकते हैं और काउंसलिंग भी कर सकती है।
करियर पाथ का चार्ट बनाएं
करियर डवलपमेंट प्लान बनाने के लिए एम्प्लॉइज मैनेजर्स के साथ बैठ सकते हैं और लक्ष्य हासिल करने की योजना पर फोकस कर सकते हैं। इस प्लान में ट्रेनिंग, एजुकेशन और जिम्मेदारियों का भी जिक्र होना चाहिए। एम्प्लॉइज को पता होगा कि उनका करियर किस दिशा में बढ़ रहा है, तो वे ज्यादा मुस्तैदी से काम करने लगेंगे और तनाव दूर हो जाएगा।