विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शुक्रवार को उच्च शिक्षण संस्थानों में एनसीसी को ऐच्छिक विषय के तौर पर पढ़ाए जाने को मंजूरी दे दी है
कोटा। रक्षा क्षेत्र में भविष्य संवारने की तैयारी में जुटे छात्रों के लिए अच्छी खबर। स्नातक स्तर पर विज्ञान, कला और वाणिज्य विषयों की पढ़ाई करने के साथ ही अब वह राष्ट्रीय कैडेट्स कोर (एनसीसी) को भी विषय के रूप में चुन सकेंगे। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने शुक्रवार को उच्च शिक्षण संस्थानों में एनसीसी को ऐच्छिक विषय के तौर पर पढ़ाए जाने को मंजूरी दे दी है।
अब हर कोई कर सकेगा पढ़ाई
मार्च 2013 में एनसीसी के ज्वाइंट स्टेट रिप्रजेंटेटिव, एडीशनल और डिप्टी डायरेक्टर जनरल की बैठक में एनसीसी को विषय के तौर पर पढ़ाने का प्रस्ताव आया। जिस पर रक्षा मंत्रालय ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय के साथ मिलकर ऑटोनॉमस कॉलेजों के साथ-साथ सीबीएसई एवं राज्य माध्यमिक शिक्षा बोर्डों में प्रयोगात्मक तौर पर पढ़ाई शुरू कराने को मंजूरी दी। अब यूजीसी ने कॉलेजों में एनसीसी की पढ़ाई ऐच्छिक विषय के रूप में कराने के आदेश जारी कर दिए।
यूजीसी ने अभी विस्तृत पाठ्यक्रम जारी नहीं किया है, लेकिन शुरुआती निर्देशों के मुताबिक पूरा पाठ्यक्रम पांच यूनिटों में बंटा होगा। किताबी पढ़ाई में छात्रों को राष्ट्र की अवधारणा, शक्ति के केंद्र और इनके अधिकार, सुरक्षा के मुख्य पहलू, राष्ट्रीय सुरक्षा और उसकी चुनौतियां, डिफेंस एंड सिक्योरिटी पॉलिसी, राष्ट्रीय सुरक्षा से जुड़ी संस्थान (सेना, पुलिस व अन्य) का अध्ययन कराया जाएगा। वहीं ड्रिलिंग, परेड और हथियार चलाने के साथ-साथ यूथ एक्सचेंज प्रोग्राम, सोशल एक्टिविटी और एडवेंचर ट्रेनिंग भी दी जाएगी।
फैक्ट फाइल
5 जुलाई 1948 को ब्वॉयज आर्मी विंग के साथ अस्तित्व में आई एनसीसी
इसी साल लड़कों के साथ-साथ लड़कियों के लिए भी एनसीसी के रास्ते खुले
1950 में एयर विंग की शुरुआत हुई
1952 में नेवल विंग भी शुरू हुई
1963-1968 के बीच केंद्र सरकार ने एनसीसी का प्रशिक्षण अनिवार्य किया
1968 में इसे फिर से एच्छिक (वॉलेंटियर) बना दिया गया
1965 और 1971 के युद्धों में एनसीसी कैडेट्स ने सैकेंड लाइन के तौर पर दिया अहम योगदान
एनसीसी का प्रशिक्षण लेने वाले छात्रों को सैन्य क्षेत्र की भर्तियों में मिलती है वरीयता
सी सर्टिफिकेट धारकों को लिखित परीक्षा में भी मिलती है छूट