कंपीटिशन के इस दौर में सफल होने के लिए जरूरी है आपका ब्रेन हमेशा एक्टिव रहे। जानते हैं ब्रेन को एक्टिव कैसे रखें-
जयपुर। अगर आप अपने दिमाग का सही तरह से इस्तेमाल करते हैं, तो आपको सफल होने से कोई भी नहीं रोक सकता। आपको अपने दिमाग के काम करने के तरीके के बारे में पूरी जानकारी प्राप्त करनी चाहिए। इसके बाद आपको अपने ब्रेन को बूस्टअप करना चाहिए। आपको अपने ब्रेन की क्षमताओं पर भरोसा करके मंजिल प्राप्त करने की दिशा में जुट जाना चाहिए।
दिमाग पर डालें जोर
रोज सोने से पहले पूरे दिन की गतिविधियों पर गौर करने की आदत डालनी चाहिए। आपको छोटी-छोटी बातों पर विचार करना चाहिए। इससे दिमाग मजबूत बनता है। खुद से सवाल करें- आज दिनभर में मैंने क्या खास सीखा? रूटीन के किस काम को मैंने अलग तरह से पूरा किया? क्या मैंने आज अपने दिमाग को किसी तरह की चुनौती दी? काम के दौरान हुई खास चीजों को याद करने की कोशिश करें। आप जिन लोगों से मिले, उनके नाम दोहराएं। पूरे दिन क्या-क्या खाया, याद करने की कोशिश करें। आप दिमाग पर जितना ज्यादा जोर डालेंगे, वह उतना ही सक्रिय रहेगा।
तनाव से दूर
तनाव दिमाग को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाता है। आपको किसी भी बात की टेंशन नहीं लेनी चाहिए। टेंशन के कारण दिमाग काम करना बंद कर देता है। आपको अपने तनाव को नियंत्रित रखना चाहिए। आपको पता होना चाहिए कि आप किस बात से सबसे ज्यादा तनाव में आ जाते हैं। इस चीज को दूर करने के लिए आपको क्रिएटिव तरीकों की मदद लेनी चाहिए। आपको दिमाग को कुछ देर के लिए खाली भी छोडऩा चाहिए। इस दौरान संगीत सुन सकते हैं या अपना मनपसंद काम कर सकते हैं। इससे दिमाग को एक ब्रेक मिलता है और वह पूरी ऊर्जा के साथ दुबारा काम करने के लिए तैयार होता है।
दिमाग को रखें हमेशा एक्टिव
विभिन्न शोध बताते हैं कि दिमाग को जितना ज्यादा व्यस्त रखते हैं, दिमाग उतना ही शॉर्प बनता है। दिमाग भी शरीर के बाकी अंगों की तरह होता है। जिस तरह से अगर हम व्यायाम नहीं करते हैं, तो शरीर मजबूत नहीं बनता है। उसी तरह अगर हम दिमाग को व्यस्त नहीं रखते हैं, तो यह धीरे-धीरे सुस्त हो जाता है। आपको रोज नई स्किल्स सीखने का प्रयास करते रहना चाहिए। इससे दिमाग पर जोर पड़ता है और दिमाग हमेशा सक्रिय रहता है।
बचें मल्टीटास्किंग से
कुछ लोगों को लगता है कि एक साथ कई काम करने से समय बचता है, पर मल्टीटास्किंग से दिमाग को काफी नुकसान पहुंचता है। दिमाग एक काम को एक समय में बेहतर तरीके से पूरा कर सकता है, जबकि वर्तमान दौर में प्रोफेशनल लाइफ में मल्टीटास्किंग को एक गुण की तरह देखा जाता है। जो व्यक्ति कम में जितने ज्यादा काम करता है, वह उतना ही सफल माना जाता है, पर मल्टीटास्किंग से आपकी सीखने की आदत खत्म होती जाती है और आप एक मशीन बनने लगते हैं। आप काम को लेकर सतही बनने लगते हैं और क्रिएटिविटी खत्म हो जाती है। मल्टीटास्किंग से कार्य करने की क्षमता में गिरावट आती है और आप बेस्ट परफॉर्मेंस नहीं दे पाते।
दिमाग से करें बातें
आपको अपने कार्यों या लक्ष्यों को लिख लेना चाहिए। ये लक्ष्य रोज के भी हो सकते हैं और लॉन्ग टर्म के भी। इन्हें अलग-अलग लिखना जरूरी होता है। इससे आप काम को एक निश्चित क्रम में करने के लिए प्रेरित होते हैं और आपके दिमाग से प्रेशर खत्म होता है और खुद को मोटिवेट कर पाते हैं। लॉन्ग टर्म गोल्स के लिए खुद से पूछते रहें कि आप ऐसा क्यों कर रहे हैं। अगर आप अपने दिमाग से बात करने की आदत बना लेंगे, तो आपको समझ में आने लगेगा कि आपको आगे क्या करना है। कुछ लोग सिर्फ काम किए जाते हैं, उन्हें पता ही नहीं होता कि दिमाग कुछ और कह रहा है और वे कुछ और काम कर रहे हैं। इसलिए दिमाग से संवाद जरूरी है।