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सेल्फ हेल्प- खुद में जगाइए इनोवेटिव अप्रोच

एक एंटरप्रेन्योर के रूप में आप सिर्फ एंप्लॉई में ही नहीं, खुद में जगाइए इनोवेटिव स्प्रिट। इसके लिए कुछ स्टेप्स फॉलो करने हैं-

May 01, 2016 / 12:19 am

विकास गुप्ता

Self Help

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जयपुर। यदि आपको अपनी कंपनी में किसी नए व्यक्ति को हायर करना है तो आप किसे चुनना चाहेंगे? एक ऐसे व्यक्ति को जो दिए गए निर्देशों का अक्षरश: पालन करता चला जाए या एक ऐसे व्यक्ति को, जो इन निर्देशों से इतर आपको काम को बेहतर ढंग से कर पाने के आइडियाज भी दे। अधिकतर एंटरप्रेन्योर्स दूसरे किस्म के व्यक्ति को ही चुनना चाहेंगे क्योंकि उनका काम ही नित्य नयापन लाने के आधार पर टिका है। एक एंटरप्रेन्योर के रूप में आप सिर्फ एंप्लॉई में ही नहीं, खुद में जगाइए इनोवेटिव स्प्रिट। इसके लिए कुछ स्टेप्स फॉलो करने हैं-

कैसे करें बेहतर
इनोवेटिव अप्रोच जगाने का पहला कदम है कि आप मौजूदा स्थितियों पर सवाल उठाएंं। जैसे आप अपने मौजूदा प्रोडक्ट्स को बेहतर बनाने के लिए उनपर सवाल उठाएं। ब्रेन स्टॉर्मिंग कीजिए कि कैसे इन उत्पादों को कैसे बेहतर बनाया जा सकता है? कौनसे फीचर आउटडेटेड हो चुके हैं और कौनसे फीचर लाकर प्रोडक्ट कोउपयोगी बनाया जाए? इस तरह के सवाल आपको रोजाना कुछ नया खोजने और करने के लिए प्रेरित करेंगे। इन सवालों को अपनी आदत में शुमार कीजिए।

बढ़ाएं इमेजिनेशन
आज के दौर में प्रेक्टिकल अप्रोच को महत्व दिया जाता है लेकिन इसका यह अर्थ नहीं है कि इमेजिनेशन को बिल्कुल सिरे से खारिज कर दिया जाए। दुनिया में जितने भी आविष्कार होते हैं, वे शुरुआत में एक कल्पना मात्र ही होते हैं। इसलिए खुद में इनोवेटिव अप्रोच को जगाने और उसे विकसित करने के लिए जरूरी है कि आप नई-नई चीजें इमेजिन करना सीखिए। तभी उन्हें साकार कर पाएंगे।

रखें कुछ समय
अपनी दिनचर्या में एक तय समय कुछ नया और कुछ क्रिएटिव सोचने के लिए जरूर रखें। इस दौरान आप किसी भी एक टॉपिक या समस्या की संभावनाओं के बारे में सोच सकते हैं। एक अलग समय रखा होने पर आप अपना पूरा ध्यान उसपर केंद्रित कर सकते हैं। इस दौरान आप इसके अलग-अलग पक्षों पर सोचते हैं, तो नए-नए विकल्प आते हैं। यह अलग समय कुछ रचनात्मक सोचने के लिए कारगर होता है।

जरूरी है ब्रेक
क्रिएटिव थिंकिंग के लिए अलग समय रखा होना अच्छा है लेकिन यदि इस दौरान आप अच्छा कुछ सोच नहीं पा रहे तो खुद को जबरन झोंकने की भी जरूरत नहीं है। ऐसा करने पर यह प्रोसेस आपके लिए बोझिल हो जाएगा। ऐसी स्थिति आने पर अपनी सीट से उठें और कहीं टहलकर आएं। थोड़ी चाय-कॉफी पीकर दिमाग को आराम दें। टहलते हुए, लोगों से हल्की फुल्की बातचीत के दौरान अक्सर बढिय़ा आइडिया आ जाता है। इसलिए इन्हें टाइम वेस्ट मत मानिए।

रखें आइडिया
इनोवेटिव अप्रोच जगाने का यह अर्थ कतई नहीं कि आप अपनी नई सोच और नए आइडिया को अपने आप तक ही सीमित रखें। आप इसे दूसरों के सामने रखना सीखिए। इसपर ब्रेन स्टॉर्मिंग करने पर लोग ऐसे कई पहलू और आइडियाज सामने रख सकते हैं, जो आपने सोचे भी नहीं होंगे इसलिए अपने आइडियाज को सामने रखना सीखिए। आइडियाज को सामने रखना सीखिए। जब सब इसपर सोचेंगे तो आपके सामने कई तरह के एंगल निकलकर आएंगे। यह फायदेमंद होगा।

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