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सोच बदलें, नजारे बदल जाएंगे, सही सोच से ही मिलती है सफलता

Published: Aug 30, 2015 12:04:00 am

इंसान सफल इसलिए होता है, क्योंकि वह खुद को सफल होते हुए देखता है और विफल भी इसलिए होता है, क्योंकि वह खुद को फेल होते हुए देखता है

Success

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जयपुर। जीवन में सफलता का कोई फिक्स फॉर्मूला नहीं है। कई बार कड़ी मेहनत के बावजूद अपनी रणनीति बदलनी पड़ती है। सबसे जरूरी है- फ्लेक्सिबल सोच। जानते हैं सफलता के लिए कैसी सोच जरूरी है। इंसान सफल इसलिए होता है, क्योंकि वह खुद को सफल होते हुए देखता है और विफल भी इसलिए होता है, क्योंकि वह खुद को फेल होते हुए देखता है। सब कुछ आपकी सोच पर निर्भर है। स्कूल के दिनों में आपने गौर किया होगा कि टीचर जिस बच्चे के बारे में सफल होने की घोषणा करते थे और प्रोत्साहित करते थे, वह जरूर टॉप करता था और जिनकी फेल होने की आशंका जताई जाती थी, उनके बहुत कम नंबर आते थे।

स्वीकृति की तलाश
आपने जीवन में ऎसे कई लोगों को देखा होगा, जो खुद अपनी इच्छा से किसी काम में रूचि नहीं लेते। वे किसी न किसी की स्वीकृति तलाशते हैं और उसी के बाद काम करना शुरू करते हैं। उन्हें लगता है कि अगर अपनी इच्छा से कोई काम किया जाएगा तो काम में गड़बड़ हो जाएगी। इसलिए वे किसी बड़े या समझदार व्यक्ति की इजाजत या सलाह लेने के बाद ही काम करना शुरू करते हैं। कई बार इस चक्कर में काम शुरू करने में ही देर हो जाती है और मनचाहा फल नहीं मिल पाता। इस आदत को बदलें।

टालमटोल की बीमारी
दुनिया में सबसे ज्यादा लोग टालमटोल की बीमारी से परेशान हैं। जो काम हमें आज करना चाहिए, उसे हम कल करने के लिए छोड़ देते हैं और बाद में उसे पूरा करना भूल जाते हैं। ज्यादातर लोग इसी वजह से अपना लक्ष्य पूरा नहीं कर पाते, क्योंकि उन्हें मौजूदा परिस्थितियों को बदलने में कष्ट महसूस होता है। कुछ लोग आलस्य तो कुछ लोग छोटी-मोटी परेशानियों के कारण बुरी परिस्थितियों में ही जीवन जीते रहते हैं। ऎसे लोग बदलाव से घबराते हैं।

स्थिरता की कमी
अगर आप तेजी से सफल होना चाहते हैं तो आपको स्थिर दिमाग के साथ काम करना चाहिए। मन के चंचल होने पर काम पूरा नहीं हो पाता और ध्यान भटक जाता है। जब भी आप किसी काम को नए तरीके से पूरा करना चाहें तो आपको इसकी लिमिट भी पता होना चाहिए। आपको किसी भी विषय को लेकर ज्यादा उत्तेजित नहीं होना चाहिए। इसके बजाय आपको पूरी प्रक्रिया को समझना चाहिए और फिर कोई निर्णय लेना चाहिए। दिमाग में स्थिरता होने पर ही आप आगे बढ़ सकते हैं।

नुकसान से बचाव
ज्यादातर लोग चीजों को जस का तस रखना चाहते हैं। वे फायदा कमाने के बजाय नुकसान होने से रोकने की जुगत में लगे रहते हैं। कई बार हमें बेहतर चीज मिलने वाली होती है, पर हम अपनी आदत के गुलाम बनकर पुरानी चीजों से ही चिपके रहते हैं। इसके बजाय हमें जीवन को खुलकर जीना चाहिए।

प्लानिंग का अभाव
कुछ लोग आंख बंद करके काम करने में लगे रहते हैं। वे प्लानिंग नहीं करते कि काम कब खत्म होगा। वे खुद को ज्यादा समझदार समझते हैं। इसलिए भविष्य को मुट्ठी में करने की सोचते हैं। अगर कोई प्रोजेक्ट आपका कलीग दो घंटे में पूरा करता है, तो आप सोचते हैं कि इसे तो मैं एक घंटे में ही कर सकता था, जबकि वास्तविकता ऎसी नहीं होती। जीवन में प्लानिंग को महत्व दें।

नकारात्मकता की बरसात
ज्यादातर लोग जीवन में घटित बुरी घटनाओं पर चिंतन करते हैं और सकारात्मक घटनाओं में खुद का योगदान नहीं मानते। ऎसे में लोगों के मन में यह चीज घर कर जाती है कि बुराई अच्छाई से ज्यादा बलवान है और वे हमेशा बुराई से डरते हैं। आपको रास्ते में पड़ी हर रस्सी को सांप समझने की भूल से बचना होगा।

ज्यादा आशावादी हैं
अगर हम सिर्फ यही मानकर बैठे रहेंगे कि दुनिया एक बेहतर जगह है, यहां पर कोई समस्या नहीं है तो हम संभावित खतरों की समय रहते तैयारी नहीं कर पाएंगे। अगर हम दुनिया के हर रूप को सही तरह से स्वीकार नहीं करेंगे, तो परेशान होते ही रहेंगे। 

नजर का कमाल
हम आस-पास वही देखते हैं, जो हमारी सोच है। अगर हम डरे हुए हैं, तो आस-पास डर पैदा करने वाली चीजें ही नजर आएंगी। अगर हम खुश हैं, तो आस-पास खुशी देने वाली चीजें नजर आएंगे। कहा गया है कि नजर बदलोगे तो नजारा बदल जाएगा। हमें अपनी सोच के दायरे से बाहर निकलना होगा।

अति-आत्मविश्वास खतरनाक
हमारे आस-पास कुछ ऎसे लोग भी होते हैं, जो ज्यादा आत्मविश्वासी होते हैं। उन्हें अपनी क्षमताओं पर बहुत ज्यादा विश्वास होता है। इस कारण वे दैनिक जीवन में बड़ी रिस्क उठाते हैं। इससे बार उन्हें हार का सामना भी करना पड़ता है। इंसान को अपनी क्षमताओं का पूरा तरह से पता होना चाहिए। उसे किसी भी भुलावे में नहीं रहना चाहिए। कई बार साधारण व्यक्ति को सच्चाई का पता होता है, पर एक्सपर्ट भूल कर जाते हैं। इससे उन्हें नुकसान उठाना पड़ता है।

नकारात्मकता की बरसात
ज्यादातर लोग जीवन में घटित बुरी घटनाओं पर चिंतन करते हैं और सकारात्मक घटनाओं में खुद का योगदान नहीं मानते। ऎसे में लोगों के मन में यह चीज घर कर जाती है कि बुराई अच्छाई से ज्यादा बलवान है और वे हमेशा बुराई से डरते हैं। आपको रास्ते में पड़ी हर रस्सी को सांप समझने की भूल से बचना होगा।

रिस्क लेने से डर 
इंसान जीवन में निश्चिंतता चाहता है, क्योंकि वह बदलाव से डरता है। इंसान भूल जाता है कि विकास के लिए डर को दूर करना जरूरी है। पुराने अनुभवों के आधार पर निर्णय लेना अच्छी बात है, पर जीवन में रिस्क न लेना वाला व्यक्ति को मरे हुए व्यक्ति के समान होता है। रिस्क लेना शुरू करें और सफलता प्राप्त करें।

संबंधों का फायदा
जीवन में अगर कोई व्यक्ति हमें ज्यादा महत्व देता है और हम खुश हो जाते हैं। आस-पास के लोगों के साथ अच्छे संबंध बनाने से जीवन आसान हो जाता है और हमें मदद भी मिलती है। कभी भी किसी व्यक्ति को अपमानित नहीं करना चाहिए। कोई भी व्यक्ति कभी भी काम आ सकता है। इसलिए सबकी मदद करनी चाहिए।

पॉजिटिव बनिए, अच्छे की कल्पना कीजिए। जब तक डर सामने आकर खड़ा न हो जाए, तब तक मन को मजबूत रखिए और कोशिश करते रहिए। जो व्यक्ति जीवन में जितना ज्यादा चुनौतियों का सामना करता है, वह उतनी ही तेजी से सफल होता है। चुनौतियां इंसान की सोई हुई शक्तियां जगा देती हैं। इसलिए चुनौतियां लें। 

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