बिजनेस हो या रोजमर्रा की बाकी जिंदगी, कभी न कभी कोई अहम फैसला लेना ही पड़ता है। इस डिसीजन मेकिंग में अक्सर इतनी उलझन पैदा हो जाती है कि समझ ही नहीं आ पाता कि यह फैसला सही होगा भी या नहीं। ऐसी स्थिति में कई बार गलत फैसला हो जाता है। इन स्थितियों से बचने के लिए और डिसीजन मेकिंग को आसान बनाने के लिए इन तीन बिंदुओं पर जरूर गौर करें। ये फैसले से पहले की और बाद की राह आसान बनाएंगे।
लक्ष्य हो स्पष्ट
आप जिस भी मुद्दे पर फैसला ले रहे हों, उसका लक्ष्य आपके मन में पूरी तरह स्पष्ट होना चाहिए। यह स्पष्टता न होने की स्थिति में आप कोई भी आसान दिखने वाला रास्ता चुन सकते हैं, जो आगे चलकर गलत फैसला ही साबित होता है। इसलिए फैसला लेते समय सबसे पहले अपने लक्ष्य पूरी तरह स्पष्ट कर लें।
विकल्पों में न उलझें
किसी भी काम को करने के दौरान सफलता और विफलता की संभावना रहती ही है। फैसला लेने के दौरान कई बार हम लक्ष्य से इतर के विकल्पों में इतना खो जाते हैं कि पूरा ध्यान लक्ष्य पर कें द्रित कर ही नहीं पाते। उपलब्ध हो सकने वाले विकल्पों पर ज्यादा विचार न करें।
पूरी हो तैयारी
किसी भी फैसले के साथ विफलता की भी संभावना रहती है। इन स्थितियों को भी परिभाषित कर लें और इन जोखिमों से निपटने के लिए मोटे तौर पर प्लानिंग रखें। इससे यह होगा कि यदि फैसला गलत भी निकला तो भी आपका नुकसान ज्यादा नहीं होगा।