बर्ड लू से बचाव, नियंत्रण व शमन के लिए जिलास्तरीय बैठक सपन्न, कंट्रोल रुम स्थापित, शंका होने पर तुरंत दे सूचना, सावधानी अपनाएं और इस रोग से बचें।
मंदसौर। प्रदेश के ग्वालियर जिले के गांधी जुलॉजिकल पार्कमें बर्ड लू (एवियन इन् लुएन्जा) होने के मद्देनजर जिले में बर्ड लू से बचाव, नियंत्रण एवं इसके शमन के लिए कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह की अध्यक्षता में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभाकक्ष मेंजिलास्तरीय बैठक का आयोजन किया गया। इसमें पशुपालन व अन्य विभागों की भूमिका व भागीदारी पर चर्चा की गई। बैठक में कलेक्टर सिंह ने विभागाधिकारियों को निर्देशित किया कि इस रोग के मद्येनजर सभी अलर्ट मोड मे रहें। उन्होंने जिले के नागरिको से अनुरोध किया कि वे इस रोग के बारे मे किसी भी प्रकार प्रारंभिक सूचना या कोई शंका होने पर तत्काल जिला प्रशासन तथा पशु चिकित्सा विभाग को दें। सावधानी अपनाएं और इस रोग से बचें।
तुरंत विभाग को करें सूचित
उन्होंने जिलेेे के सभी पशुपालकों तथा नागरिकों से अपील की है कि वे घबराएं नहीं। यदि पक्षियों और मुर्गियों मे अप्राकृतिक मृत्यु (अधिक सं या में) की जानकारी मिले, तो तत्काल नजदीकी पशु चिकित्सा संस्था को सूचित करे। मुर्गी व पक्षीपालन करते हुए सावधानी बरतें। इनको हाथ लगाने के उपरांत अपने हाथ को अच्छी तरह साबुन या एन्टीसेप्टिक से धोयें। अंडे का सेवन उबालकर ही करें, कच्चे अंडे का सेवन कतई ना करें। मुर्गा या मुर्गी के कच्चे या अधपके मांस का सेेवन भी कतई ना करें। मालूम हो कि बर्ड लू (एवियन इन् लुएन्जा) का वायरस 70 डिग्री सेल्सियस पर नष्ट हो जाता है।
भोपाल भेजे जा रहे है नमूने, कंट्रोल रुम स्थापित
बैठक में उपसंचालक पशुपालन डॉ मनीष इंगोले ने बताया कि प्रदेश में वर्तमान में एच5 एन8 नामक वायरस से यह रोग उद्भेद हुआ है जिसका असर मनुष्यों पर होने से अभी तक कोई भी अप्रिय घटना दर्ज नहीं हुई है। कलेक्टर के निर्देशानुसार पशुपालन विभाग द्वारा बर्ड लू के सीरो सर्वेलेंस कार्य (बीमारी की जांच) के लिए नमूने लगातार जांच के लिए भोपाल भेजे जा रहे हैं, जिसमे अभी तक जिले मे कोई भी सैंपल पॉजिटिव नही पाया गया है। इस रोग से बचाव, नियंत्रण एवं इसके शमन के लिए पशुपालन विभाग मे जिला एवं विकासखंडस्तर पर एक कंट्रोल रूम की स्थापना की जा चुकी है।
जलाशय के किनारे से लें सैंपल
बैठक में कलेक्टर सिंह ने वन, मत्स्य तथा जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिले के किसी भी अंचल में प्रवासी पक्षियों (माईग्रेटेड बड्र्स) का आगमन होते ही उनपर मैदानी कर्मचारी नजर रखें। यदि किसी पक्षी की असामान्य रूप से मृत्यु नजर आती है, तो तुरंत सूचना पशुपालन विभाग को दें तथा जलाशय के किनारे से सैंपल एकत्र करने के लिए विभाग द्वारा सहयोग करने के लिए मैदानी अमले को निर्देश जारी करें। कलेक्टर ने स्वास्थ्य विभाग को निर्देशित किया कि यदि इस रोग के लक्षणयुक्त या संभावित कोई मरीज अस्पताल में भर्ती होता है, तो इसकी सूचना जिला प्रशासन तथा पशु चिकित्सा विभाग को दें तथा टॉमी लु औषधि तथा फिनाइल का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करें।
इन्हें भी दिए निर्देश
पीडब्लूडी विभाग तथा नगरपालिका को निर्देशित किया गया कि बीमारी फैलने की स्थिति मे जेसीबी मशीन, फाग मशीन, स्प्रेपंप, जेट सक्शन मशीन, चूना की आवश्यकता होगी, जिसकी पहले से तैयारी रखें। पुलिस विभाग को बीमारी फैलने की दशा में कानून व्यवस्था बनाए रखने तथा क्षेत्रीय परिवहन विभाग को वाहन व्यवस्था के लिए तैयारी रखने को कहा गया। बैठक में पंचायत एवं ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, पुलिस, वन, परिवहन, मत्स्य, जल संसाधन विभाग के अधिकारी भी मौजूद थे।