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वर्ष 2012 की कीमत पर मिल रही प्रॉपर्टी, घर खरीदने का बेहतरीन समय

Published: Jul 30, 2017 10:07:00 am

Submitted by:

manish ranjan

जीएसटी लागू होने के ठीक एक महीने बाद ही रियल इस्टेट बाजार पर इसका सकारात्मक असर दिखना शुरू हो गया है। टैक्स में स्पष्टता और पारदर्शिता आने के साथ ही घर खरीदारों के लिए भी अब परिस्थितियां आसान हो गई हैं।

Real Estate Market

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नई दिल्ली। जीएसटी लागू होने के ठीक एक महीने बाद ही रियल इस्टेट बाजार पर इसका सकारात्मक असर दिखना शुरू हो गया है। टैक्स में स्पष्टता और पारदर्शिता आने के साथ ही घर खरीदारों के लिए भी अब परिस्थितियां आसान हो गई हैं। होम बायर्स के लिए अपने घर का सपना सच करने का यह सबसे माकूल समय है। ऐसा इसलिए कि इस समय फ्लैट के दाम वर्ष 2012 के स्तर पर ही बने हुए हैं। मुद्रास्फीती को न्यूनतम 10 फीसदी भी आधार के तौर पर मान लिया जाए तो फ्लैट्स 2012 के मुकाबले आधी कीमत यानि 50 फीसदी छूट पर मिल रहे हैं। मुद्रास्फीती के नियमों के अनुसार रुपए की कीमत हर साल 8 से 10 फीसदी महंगाई दर के अनुसार कम होती है। 


सस्ती हुई ईएमआई 

अभी हर महीने कम होती ईएमआई भी एक और आकर्षण है जो कि अपने घर का सपना साकार करने के लिए लोगों को आमंत्रित कर रहा है। एक समय में प्रति लाख होम लोन की ईएमआई 1100 रुपए मासिक से ऊपर थी जो कि अब 900 रुपए के वर्ग में आ गई है। बैंकों के पास जिस तरह से फंड्स मौजूद हैं, उसको देखते हुए ये स्पष्ट है कि आने वाले महीनों में होम लोन की ईएमआई और कम होगी। 


कस्टमर इज किंग 

हाल में सरकार की ओर से उठाए गए कदमों का फायदा अब होम बायर्स को मिल रहा है क्योंकि प्रतिस्पर्धा के चलते कोई भी डेवलपर इन सभी राहतों को अपने लाभ में शामिल नहीं कर सकता है। क्योंकि कस्टमर इज किंग, की कहावत रियल एस्टेट सेक्टर पर भी समान तौर पर लागू होती है। ऐसे में होब बायर्स के लिए घर खरीदने का यह सबसे सुनहरा मौका है। वे कम बजट में अच्छा घर खरीद सकते हैं।


गेम चेंजर साबित होगा जीएसटी

जीएसटी दरों के लागू होने पर बिल्डिंग एंड कंस्ट्रक्शन सामग्री का काफी सारा सामान कम दरों के दायरे में आया है। ऐसे में घरों की निर्माण लागत में भी कुछ कमी आई है। कुछ नई योजनाओं में सरकार ने आयकर में भी छूट दी है। जमीनों की दरों में भी कमी आई है। ऐसे में बिल्डर और डेवलपर भी इन सभी की राहत ग्राहकों को दे रहे हैं। ऐसे में इस बात में कोई संदेह नहीं है कि जीएसटी, भारतीय उद्योग के लिए गेम चेंजर साबित होगा। रियल एस्टेट सेक्टर पर लागू 16 प्रमुख करों और लेवीज को अब एक ही समेकित कर में शामिल कर दिया गया है। साथ ही दोहरे कराधान की गैर जरूरी प्रक्रिया भी बंद हो गई है। साथ ही सरकार भी अफोर्डेबल हाउसिंग के लिए 3-4 फीसदी की होम लोन सब्सिडी दे रही है। ऐसे में इस समय अपना घर बनाने से बेहतर कुछ नहीं हो सकता है। 

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