देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज बीएसई लिमिटेड के यहां गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी यानी गिफ्ट सिटी स्थित पहले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में नवनिर्मित अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज का नौ जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्घाटन करेंगे, तो यह मात्र चार माइक्रो सेकेंड के न्यूनतम माध्य प्रतिक्रिया अवधि (मेडियन रिस्पांस टाइम अथवा ट्रेड स्पीड) के साथ दुनिया का सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज बन जाएगा।
गांधीनगर. देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज बीएसई लिमिटेड के यहां गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक सिटी यानी गिफ्ट सिटी स्थित पहले भारतीय अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र (आईएफएससी) में नवनिर्मित अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज का नौ जनवरी को जब प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी उद्घाटन करेंगे, तो यह मात्र चार माइक्रो सेकेंड के न्यूनतम माध्य प्रतिक्रिया अवधि (मेडियन रिस्पांस टाइम अथवा ट्रेड स्पीड) के साथ दुनिया का सबसे तेज स्टॉक एक्सचेंज बन जाएगा।
अभी सिंगापुर है सबसे तेज एक्सचैंज
बीएसई के मुख्य कार्यकारी अधिकारी सह प्रबंध निदेशक (सीईओ सह एमडी) आशीष कुमार चौहान ने बताया कि अब तक ङ्क्षसगापुर इस मामले में 60 माइक्रो सेकेंड के साथ सबसे तेज अंतर्राष्ट्रीय एक्सचेंज है, जबकि कुल मिलाकर मुंबई स्थित बीएसई का मौजूदा घरेलू एक्सचेंज 6 माइक्रो सेकेंड के साथ तीव्रतम है। अत्याधुनिक सर्वर और तकनीक के कारण इलेक्ट्रॉनिक ट्रेङ्क्षडग प्लेटफार्म पर चार माइक्रो सेकेंड की गति के साथ हमारा गिफ्ट स्थित इंडिया इंटरनेशनल एक्सचेंज इस मामले में विश्व का सबसे तेज एक्सचेंज बन जाएगा। इस गति की तीव्रता का अंदाजा इस बात से लग सकता है कि एक सेंकेंड में 10 लाख माइक्रो सेकेंड होते हैं। यानी इसमें एक सेकेंड के ढाई लाखवें भाग में ही शेयर और अन्य कारोबार के बारे में शुरूआती पूछताछ का जवाब मिल जाएगा। इसमें शेयर ट्रेङ्क्षडग के अलावा कमोडिटी एक्सचेंज और मुद्रा विनिमय समेत कई सुविधाएं होंगी।
सेबी से मिल चुकी है अनुमति
सेबी ने हाल में इसे समाशोधन यानी क्लियरेंस संबंधी अनुमति भी दे दी है। चौहान ने बताया कि बीएसई इसमें अगले तीन साल में करीब 500 करोड़ रुपये का निवेश करेगा। इसके जरिये जल्द ही बीएसई के मुंबई एक्सचेंज से कई गुना व्यापार होने लगेगा। नौ जनवरी को उद्घाटन के बावजूद इसके जरिये वास्तविक कारोबार की शुरुआत 16 जनवरी को उत्तरायण के बाद होगी। 10 से 15 साल में इसके माध्यम से एक से दो खरब डॉलर का कारोबार होने की उम्मीद है।
एक एक्सचेंज के लिए वर्ष 2015 में हुआ एमओयू
इस एक्सचेंज के लिए वर्ष 2015 में एमओयू हुआ था। गत वर्ष सितंबर में जरूरी अनुमतियां मिलने के बाद इसकी स्थापना का काम 45 दिन के रिकार्ड समय में किया गया है। देश में होने के बावजूद विदेशी क्षेत्र के तौर पर मान्य गिफ्ट सिटी में मिलने वाली कई कर छूटों का लाभ इसके जरिये कारोबार करने वालों को भी मिलेगा, हालांकि कानूनी प्रतिबंधों के कारण भारतीय लोग व्यक्तिगत हैसियत से इसमें ट्रेङ्क्षडग नहीं कर सकेंगे पर कंपनियों को कुछ प्रतिबंधों के साथ इसकी इजाजत होगी। इसे हीरानंदानी समूह के 16 मंजिले भवन सिग्नेचर में स्थापित किया गया है। समूह के सह संस्थापक निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गिफ्ट सिटी की स्थापना का फैसला कर एक साहसिक और क्रांतिकारी कदम उठाया है, जिससे भारत विश्व में वित्तीय सेवाओं के केंद्र के रूप में अग्रणी स्थान हासिल कर सकता है।