कारोबारियों को साइनबोर्ड पर लिखना होगा जीएसटी नंबर, नहीं तो होगा यह नुकसान
Published: Jul 12, 2017 09:30:00 am
सरकार ने नए आदेश के मुताबिक कारोबारियों को साइनबोर्ड पर जीएसटी रजिस्ट्रेशन नम्बर (जीएसटीआईएन) और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट अनिवार्य रूप से लिखना होगा।
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15 अंकों का होता है जीएसटीआईएन नंबर
जीएसटीआईएन 15-अंकों का नंबर है, जो कि टैक्सपेयर्स को जीएसटी नेटवर्क पोर्टल के साथ पंजीकरण के बाद मिलता है। पोर्टल में लॉग-इन करने पर शुरुआत में काराबारियों को अस्थायी पहचान संख्या मिलती है, और जब वह पंजीकरण प्रक्रिया को पूरा कर लेता है, तो तीन माह में यह अस्थायी आईडी में बदल जाती है।
जीएसटी के डर से 230 फीसदी बढ़ा सोने का आयात
गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) लागू होने के पहले सोने का आयात जोरदार तरीके से बढ़ा। जीएसटी पहली जुलाई से लागू हुआ और जून के दौरान देश में सोने के इंपोर्ट में 230 फीसदी इजाफा दर्ज किया गया। जून में 75 टन सोना आयात किया गया जबकि पिछले साल इस दौरान सिर्फ 22.7 टन का इंपोर्ट हुआ था। दरअसल जीएसटी लागू होने से पहले ज्वैलर्स भांप गए थे कि सोने पर टैक्स बढऩे वाला है, जितना ज्यादा टैक्स होगा सोना उतना ही महंगा होगा, ऐसे में सोना महंगा होने से पहले ही ज्वैलर्स ने अपना स्टॉक भर लिया।
जीएसटी में सोने पर लगा ज्यादा टैक्स
3 जून को जीएसटी काउंसिल ने सोने पर लगने वाले जीएसटी की घोषणा भी कर दी और 3 फीसदी टैक्स का ऐलान किया। जीएसटी से पहले सोने पर करीब 2 फीसदी टैक्स बनता था। अब क्योंकि ज्वैलर्स पहले ही बड़ी मात्रा में सोने का स्टॉक भर चुके हैं ऐसे में जुलाई और आगे चलकर सोने के आयात में गिरावट की आशंका है।
छह महीने में पूरे साल का आयात
2017 की पहली छमाही में देश में सोने के आयात में जबरदस्त बढ़ौतरी हुई है। आयत के ताजा आंकड़ों की मानें तो भारत में वित्त वर्ष 2016-17 की पहली छमाही में आयात किया गया गोल्ड साल 2016 के पूरे आयात से अधिक हो चुका है। आंकड़ों के अनुसार भारत ने 2016 में 510 टन गोल्ड का आयात किया था जबकि 2017 में जनवरी-जून की अवधि में गोल्ड इम्पोर्ट 521 टन पहुंच गया।