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क्रूड उत्पादन सीमित करने के फैसले से तेजी से बढ़े दाम

Published: Dec 12, 2016 12:44:00 pm

जनवरी से अगले छह महीनों तक नॉन ओपेक उत्पादक भी प्रतिदिन अधिकतम 5,58,000 बैरल क्रूड प्रोडक्शन करेंगे, इसके बाद फिर से फैसले को रीन्यू किया जाएगा…

Crude Oil

Crude Oil

नई दिल्ली. रूस और गैर-ओपेक देशों के उत्पादन में कटौती के निर्णय में शामिल होने से तेल के दामों में उछाल आया है। तेल निर्यातक देशों के संगठन (ओपेक) ने वैश्विक स्तर पर तेल की अधिक उपलब्धता को कम करने के लिये उत्पादन में कटौती का फैसला किया है। इसके बाद से भावों में तेजी आनी शुरू हो गई है। अमेरिकी मानक वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएड में तेल का भाव सुबह 2.28 डॉलर प्रति बैरल बढ़कर 53.78 डालर बैरल पहुंच गया। वहीं ब्रेंट क्रूड का भाव 2.29 डॉलर मजबूत होकर 56.62 डॉलर प्रति बैरल पर पहुंच गया। 

अधिक तेल उत्पादन से अर्थव्यवस्था पर असर

तेल उत्पादक देशों का कहना है तेल की अधिक आपूर्ति से कीमतें प्रभावित हो रही हैं, जिससे अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है। इससे पहले ओपेक के सदस्य देश भी जनवरी से तेल उत्पादन में संयुक्त रूप से करीब 12 लाख बैरल प्रतिदिन तक कम करने पर सहमति जता चुके हैं। ओएएनडीए के एक सीनियर एनालिस्ट जेफरी हैली ने कहा कि स्पष्ट तौर पर ओपेक और गैर-ओपेक देशों के तेल उत्पादन में कटौती को लेकर सप्ताहांत समझौते से भाव पर असर पड़ा है। 


भारत पर सीधा असर

जनवरी से अगले छह महीनों तक नॉन ओपेक उत्पादक भी प्रतिदिन अधिकतम 5,58,000 बैरल क्रूड प्रोडक्शन करेंगे, इसके बाद फिर से फैसले को रीन्यू किया जाएगा। इस फैसले से भारत जैसे देशों पर संकट बढ़ेगा, क्योंकि भारत कुल खपत का करीब 75 फीसदी तेल आयात करता है। ऐसे में दाम बढ़ने से अर्थव्यवस्था पर सीधा असर पड़ेगा। देश में पेट्रोल-डीजल के दामों में बड़ी बढ़त देखने को मिल सकती है।

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