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किसानों को रूलाएगा प्याज, कीमत पिछले साल की तुलना में 80% कम

प्याज की कीमत पिछले साल की तुलना में ज्यादा गिरने से किसानो को नुकसान

Oct 19, 2016 / 12:24 pm

Anil Kumar

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पुणे। अक्टूबर महीने में प्याज की कीमत पिछले साल के इसी महीने के की तुलना में 80 फीसदी और अक्टूबर 2014 से लगभग 66 फीसदी कम है। इसके अलााव केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों द्वारा खरीदा गया 50 फीसदी प्याज पहले ही वेयरहाउसों में पड़ा हुआ है। फिलहाल प्याज की न्यूनतम कीमत पिछले दो महीने से 2 रूपए प्रति किलो है, वहीं कर्नाटक से खरीफ सीजन के प्याज की आवक शुरू हो गई है। महाराष्ट्र की खरीफ फसल भी नवंबर में आने की उम्मीद है, वजह से स्टोरेज में रखे गए प्याज की कीमतों में और भी ज्यादा गिरावट हो सकती है।

1 रूपए किलो में बिका प्याज
2015 के अक्टूबर माह में लासलगांव एपीएमसी में प्याज का औसत होलसेल भाव 32.48 रूपए प्रति किलो था, जो इस साल अक्टूबर में घटकर 5.85 रूपए प्रति किलो हो गया। लासलगांव एपीएमसी में प्याज की सबसे कम कीमत 17 अक्टूबर को 1 रूपए प्रति किलो रही। बेंगलुरु एपीएमसी में खरीफ प्याज की कीमत 5 से 11 रुपये प्रति कोल के बीच चल रही है।

सड़ जाएगा 50 फीसदी प्याज
एसएफएसी केंद्र सरकार की तरफ से तैयार किए गए प्राइस स्टैबलाइजेशन फंड (पीएसएफ) का मैनेजर है। हालांकि, एजेंसी के टॉप अधिकारियों ने इसके प्रोक्योरमेंट ऑपरेशंस के बारे में जानकारी साझा करने से मना कर दिया। महाराष्ट्र के प्याज कारोबार से जुड़े सूत्रों के मुताबिक, नेफेड और एसएफएसी की तरफ से खरीदे गए 50 फीसदी से भी ज्यादा प्याज के सड़ जाने का अनुमान है। बाकी प्याज औसतन खरीद मूल्य के महज 50 फीसदी पर बेचे गए।

45 लाख टन प्याज का हुआ उत्पादन
नेफेड के डायरेक्टर नानासाहेब पाटिल का कहना है क प्याज खरीदकर उसे रखने में नेफेड को बड़ा नुकसान हुआ। देश के किसानों को भी कुछ इसी तरह का नुकसान है, जिन्होंने 45 लाख टन प्याज का उत्पादन किया। किसानों के इस नुकसान के लिए कोई भी जवाबदेही लेने को तैयार नहीं है। एसएफएसी ने 12,567 टन प्याज की खरीदारी की थी और 15 सितंबर के मुताबिक, एजेंसी सिर्फ 5,518.55 टन प्याज बेच सकी।

सरकारों को भी हुआ नुकसान
एसएफएसी के टॉप अधिकारियों ने सड़ चुके प्याज और एजेंसी को हुए नुकसान के बारे में जानकारी नहीं दी है। मध्य प्रदेश सरकार ने 62 करोड़ का 10.42 लाख टन प्याज खरीदा था। इनमें से 70 फीसदी प्याज वेयरहाउसों में ही सड़ गए। नेशनल एग्रीकल्चरल को-ऑपरेटिव मार्केटिंग फेडरेशन ने 5,000 टन प्याज खरीदा था।

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