नई दिल्ली. फ्लिपकार्ट के सचिन बंसल और ओला के भाविश अग्रवाल ने विदेशी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों पर सख्ती बरतने की वकालत की। उनका कहना है कि इससे भारतीय कंपनियों को फायदा होगा। फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर और एक्जीक्यूटिव चेयरमैन बंसल ने कहा, ‘15 साल पहले जो चीन ने किया था, हमें वहीं करना चाहिए। हमें दुनिया को […]
नई दिल्ली. फ्लिपकार्ट के सचिन बंसल और ओला के भाविश अग्रवाल ने विदेशी प्रतिद्वंद्वी कंपनियों पर सख्ती बरतने की वकालत की। उनका कहना है कि इससे भारतीय कंपनियों को फायदा होगा। फ्लिपकार्ट के को-फाउंडर और एक्जीक्यूटिव चेयरमैन बंसल ने कहा, ‘15 साल पहले जो चीन ने किया था, हमें वहीं करना चाहिए। हमें दुनिया को बताना चाहिए कि उनकी पूंजी का हम स्वागत करते हैं, लेकिन उनकी कंपनियों के लिए यहां कोई जगह नहीं है।’
‘हाई वैल्यू जॉब्स पर पड़ेगा बुरा असर’
‘अमरीकी कंपनियों के दबदबे से भारत में हाई वैल्यू जॉब्स पर बुरा असर पड़ेगा। अगर लोकल कंपनियों का बाजार पर दबदबा होगा सिक्योरिटी, डेटा और प्राइवेसी सब पर भारतीयों का नियंत्रण होगा। वहीं अमेजन और उबर भारत में हर हाल में सफल होना चाहती हैं क्योंकि वे चीन में अलीबाबा और दिदी चुक्सिंग के हाथों हार का सामना कर चुकी हैं।’
पूंजी के दम पर हो रहा मुकाबला
उनका कहना है कि इंटरनेट बिजनेस सेग्मेंट में पूंजी सबसे बड़ी ताकत है, इनोवेशन नहीं। ओला के सीईओ अग्रवाल ने कहा, ‘ई-कॉमर्स और ऐप बेस्ड टैक्सी एग्रीगेटर बिजनेस में विदेशी कंपनियां इनोवेशन की दुहाई दे रही हैं, लेकिन असल में मुकाबला पैसों से लड़ा जा रहा है, इसमें इनोवेशन का उतना ज्यादा रोल नहीं है।’