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भारतीय बाजार की शक्ति पर भरोसा करें निवेशक: जेटली

Published: Feb 12, 2016 05:30:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

शेयर बाजार में आई तेज गिरावट को वैश्विक कारकों से जोड़ते हुए जेटली ने कहा कि ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है

Arun Jaitley

Arun Jaitley

नई दिल्ली। गुरुवार को दुनियाभर के बाजारों में आई गिरावट से भारतीय शेयर बाजार भी सहम गए थे। हालांकि, शुक्रवार को बाजार मामुली गिरावट के साथ खुले। शेयर बाजार में आई हाल की तेज गिरावट को वैश्विक कारकों से जोड़ते हुए वित्त मंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि ज्यादा घबराने की जरूरत नहीं है और निवेशकों को निवेश करते समय भारतीय अर्थव्यवस्था की निहित शक्ति को ध्यान में रखना चाहिए। जेटली ने एक बयान में कहा है कि पिछले कुछ दिनों में वैश्विक बाजार में बड़ी मात्रा में बिकवाली का दौर देखा गया है और स्‍वाभाविक रूप से इसका असर पूरी दुनिया में नजर आया। इसी का प्रभाव भारतीय बाजार पर भी पड़ा है।

भारतीय बाजार की शक्ति को ध्यान में रख कर करे निवेश

वित्त मंत्री ने कहा कि वैश्विक नरमी जरूर है पर सरकार आर्थिक वृद्धि में सहायक नीतियां जारी रखेगी। गौरतलब है कि बंबई शेयर बाजार का प्रमुख सूचकांक सेंसेक्स गुरुवार को 807.7 अंक गिर गया था। शुक्रवार को बाजार बंद होने से पहले करीब 100 अंक उपर चल रहा था। जेटली ने कहा कि इस समय निवेश करते समय भारतीय बाजार की अंतर्निहित शक्ति को ध्यान में रखना समझदारी होगी। उन्होंने कहा कि निवेशकों के लिए वैश्विक घटनाओं को लेकर बहुत ज्यादा प्रतिक्रिया दिखाना ठीक नहीं होगा।

वैश्विक नरमी की वजह से बाजार में गिरावट


उन्होंने ताजा गिरावट के बारे में कहा कि बड़े वैश्विक बाजारों में भारी बिक्री का जो सिलसिला शुरू हुआ उसका भारत पर भी असर पड़ा। उन्होंने कहा कि इसके कई कारण हो सकते है, जो भारत से बाहर के हैं। उन्होंने इसमें अमरीकी संघीय बैंक की ब्याज दर, यूरोप के घटनाक्रम और अमरीका में नरमी की आशंका जैसे कारकों को गिनाया। उन्होंने कहा कि अब ये वैश्विक कारक बने रहेंगे तथा इन देशों को वैश्विक स्तर पर इन कारकों का मुकाबला करना होगा।

बैंकरप्टी कानून पर हो रहा काम

छोटे बैंकों को लेकर वित्‍त मंत्री ने कहा कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया अपनी विभिन्‍न पॉलिसियों के माध्‍यम से बैंकों को मजबूत कर रही है। इसके साथ ही केंद्र सरकार भी आर्थिक सहायत दे रही है और पब्लिक सेक्‍टर बैंकों को मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है। अगर भारत की बात की जाए तो मीडिया के कुछ सेक्‍शन्‍स में पब्लिक सेक्‍टर बैंकों की स्थिति को लेकर जो रिपोर्ट है उस पर कुछ ज्‍यादा ही रिएक्‍शन दिए जा रहे हैं। उन्‍होंने कहा कि सरकार बैंकों को मजबूत करने के लिए और भी कदम उठा रही है और बैंकरप्‍टी कानून पर भी सक्रिय रूप से विचार किया जा रहा है।
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