पिछले एक साल से सेंसेक्स और निफ्टी रोज नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। आज हम आपको निफ्टी के 1000 से 10000 तक के सफर के बारे में बता रहे हैं।
नई दिल्ली. शेयर बाजार ने निवेशकों को मालामाल कर दिया है। बीते एक साल में अगर रिटर्न की बात करें तो निफ्टी और सेंसेक्स ने मार्केट में मौजूद सभी निवेश माध्यमों से अधिक रिटर्न दिया है। एक साल में बाजार ने निवेशकों को करीब 15 फीसदी रिटर्न दिया है, वहीं एफडी ने 6 फीसदी और सोना ने निगेटिव में रिटर्न दिया है। इक्विटी ने आखिर क्यों सबसे अधिक रिटर्न दिया है तो इसकी वजह है मार्केट में लगातार तेजी का सिलसिला। पिछले एक साल से सेंसेक्स और निफ्टी रोज नए कीर्तिमान गढ़ रहे हैं। आज हम आपको निफ्टी के 1000 से 10000 तक के सफर के बारे में बता रहे हैं।
वर्ष 1996: 1,000 का स्तर
निफ्टी की शुरुआत सन 1996 में हुई थी। पहली बार इंडेक्स ने 1999 में 1000 का स्तर छुआ था।
2 दिसंबर 2004: 2,000 का स्तर
2 दिसंबर सन 2004 में निफ्टी 1000 से 2000 पर पहुंचा था।
30 जनवरी 2006: 3,000 का स्तर
30 जनवरी सन 2006 में निफ्टी ने पहली बार 3000 का स्तर छुआ।
पहली दिसंबर 2006: 4,000 का स्तर
1 दिसंबर को निफ्टी 4000 के स्तर पर पहुंचने में कामयाब हुआ।
27 सितंबर 2007: 5,000 का स्तर
सितंबर महीने की 27 तारीख को पहली बार निफ्टी ने 5000 का स्तर छुआ था।
11 दिसंबर 2007: 6,000 का स्तर
2007 में दिसंबर महीने की 11 तारीख को निफ्टी पहली बार 6000 के स्तर पर पहुंचा।
12 मई 2014: 7,000 का स्तर
12 मई 2014 में निफ्टी ने पहली बार 7000 का स्तर छुआ. 6000 से 7000 तक पहुंचने में 7 साल लग गए। इसकी वजह 2008-09 की ग्लोबल मंदी रही जिसके चलते दुनियाभर के बाजारों के साथ-साथ निफ्टी में भी भारी गिरावट आई।
सितंबर 2014: 8,000 का स्तर पहली
1 सितंबर 2014 को निफ्टी ने 8000 का स्तर पार किया। उस समय शेयर बाजार पर मोदी मैजिक हावी था।
14 मार्च 2017: 9,000 का स्तर
9 हजार से 10 हजार तक पहुंचने में 92 सत्र का समय लगा। नोटबंदी और जीएसटी जैसे बड़े कदम उठाने के बाद विदेशी निवेशकों के साथ-साथ घरेलू निवेशकों का भरोसा भी सरकार पर बढ़ गया।
25 जुलाई 2017: 10,000 का स्तर