ग्रीस संकट, मॉनसून से बाजार में अस्थिरता के संकेत
Published: Jul 05, 2015 04:22:00 pm
ग्रीस में
रविवार को हुए जनमत संग्रह पर सोमवार को बाजार में प्रतिक्रिया होगी
मुंबई। शेयर बाजारों में अगले सप्ताह मॉनसून की स्थिति, ग्रीस संकट से संबंधित घटनाक्रम और प्रमुख आर्थिक आंकड़ों की वजह से अस्थिरता देखी जा सकती है। ग्रीस में रविवार के जनमत संग्रह पर सोमवार को बाजार में प्रतिक्रिया होगी, जिसमें मतदाता कर्ज की अगली खेप पाने के लिए कर्जदाताओं के सुधार प्रस्तावों को स्वीकारने या नकारने पर मत देंगे। सर्वेक्षण के मुताबिक जनमत संग्रह के परिणाम का अनुमान लगाना कठिन है।
अगले सप्ताह निवेशकों की नजर मौजूदा कारोबारी साल की प्रथम तिमाही के लिए कंपनियों के परिणामों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेश (डीआईआई) के आंकड़ों, वैश्विक बाजारों के रूझान, डॉलर के मुकाबले रूपए की चाल और तेल की कीमतों पर भी बनी रहेगी। आगामी सप्ताह ग्रीस से संबंधित घटनाक्रम पर निवेशकों की नजर रहेगी। रविवार के जनमत संग्रह में यदि न के पक्ष में मतदान होता है, तो ग्रीस के यूरोजोन से बाहर निकलने की संभावना बढ़ जाएगी। हां के पक्ष में मतदान होने पर प्रधानमंत्री एलेक्सिस सिप्रास की गठबंधन सरकार के गिरने का खतरा पैदा हो जाएगा। अभी हालांकि मतदान के परिणाम का अनुमान लगाना कठिन है।
विश्लेषकों ने कहा कि घरेलू बाजार की मजबूत स्थिति, आर्थिक सुधार और निवेश में आ रही तेजी के कारण उतार-चढ़ाव की स्थिति अधिक दिनों तक कायम नहीं रहेगी। जायफिन एडवाइजर्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी देवेंद्र नेवगी ने कहा, “ग्रीस के जनमत संग्रह के कारण सप्ताह के शुरू में बाजार में उतार-चढ़ाव रह सकती है। थोड़े समय के लिए ग्रीस का मुद्दा एक बड़ा मुद्दा बना रह सकता है।” उन्होंने कहा, “हालांकि बाजार पर इसके असर के बाद घरेलू फंडामेंटल और आंकड़े फिर से केंद्र में आ जाएंगे। घरेलू स्थिति सकारात्मक रहने के कारण बाजार पर इसका सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।”
जुलाई के दूसरे सप्ताह से कंपनियां अपने परिणाम जारी करनी शुरू कर देंगी। परिणाम जारी करने का यह दौर अगस्त के दूसरे सप्ताह तक चलेगा। इस दौरान निवेशक परिणाम के साथ कंपनी प्रबंधन की ओर से की जाने वाली आगामी तिमाहियों की आय की भविष्यवाणी में निवेश के अवसर ढूंढेंगे। प्रमुख कंपनियों में गुरूवार 9 जुलाई को सॉफ्टवेयर निर्यातक कंपनी टीसीएस के परिणाम से यह दौर शुरू होगा। जियोजीत बीएनपी पारिबा के तकनीकी रिसर्च डेस्क के सह-प्रमुख आनंद जेम्स ने कहा, “उम्मीद है कि प्रथम तिमाही के परिणाम चौथी तिमाही से बेहतर रहेंगे। कम महंगाई दर, अपेक्षाकृत नरम मौद्रिक नीति और रूपये में स्थिरता का सकारात्मक असर परिणामों पर दिखेगा।”
आगामी सप्ताह में बाजार की चाल मानसून की प्रगति पर भी निर्भर करेगी। जून-सितंबर मानसूनी सत्र के दौरान बारिश देश की अर्थव्यवस्था के लिए संजीवनी के समान होती है, क्योंकि देश की खेती मुख्यत: बारिश पर ही निर्भर करती है। अब तक देशभर में हुई अच्छी बारिश से महंगाई का दबाव कुछ कम हुआ है और अनुमान लगाया जा रहा है कि भारतीय रिजर्व बैंक मुख्य दरों में कटौती कर सकता है। रिजर्व बैंक चार अगस्त को अगली मौद्रिक नीति समीक्षा की घोषणा करेगा। सरकार शुक्रवार 10 जुलाई को मई महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन से संबंधित आंकड़े जारी करेगी। अप्रैल महीने में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि दर 4.1 फीसदी रही थी, जो मार्च में 2.5 फीसदी थी।