मथुरा। संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश के सौजन्य से बरखा बहार नामक तीन दिवसीय सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। जिसका शुभारंभ उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग के मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने किया। आयोजन में पहले दिन ही कई अव्यवस्थाएं रही। बिजली गुल रही कार्यक्रम में।
मोबाइल फोन की लाईट से संबोधन
वृन्दावन में चल रहे संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित कार्यक्रम में उस वक्त मथुरा की विद्युत व्यवस्था की पोल खुली जब कैबिनेट मंत्री इस कार्यक्रम में भाग लेने के बाद मंच पर पहुंचकर लोगों को संबोधित कर रहे थे। इसी दौरान अचानक लाइट चली गई और कार्यक्रम स्थल पर अंधेरा छा गया आनन फानन में मौजूद दर्शकों ने अपने अपनेे मोबाइल फोन की लाइटे जलाई। और मंत्री जी को भी मजबूरन मोबाइल फोन की लाइट में ही बिना माइक के लोगों को संबोधित करना पड़ा। मंत्री जी ने इस दौरान लाइट आने का काफी देर तक इंतजार भी किया लेकिन लाइट नहीं आई और मंत्री जी मोबाइल फोन की लाइट में ही भाषण देते रहे। इस अव्यवस्था को लेकर जब कार्यक्रम आयोजक संस्कृति विभाग की डायरेक्टर अनुराधा गोयल से पूछा तो उन्होंने इसका ठीकरा आडिटोरियम की विद्युत व्यवस्था पर फोड़ दिया ।
ये था कार्यक्रम
संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश द्वारा पंडित दीनदयाल उपाध्याय जन्म शताब्दी वर्ष के दौरान उत्तर प्रदेश की लोक कलाओं को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य वृंदावन में आज से तीन दिवसीय बरखा बहार नामक कार्यक्रम आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन उत्तर प्रदेश के संस्कृति विभाग के मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण में दीप जलाकर किया। कार्यक्रम में पहले दिन ब्रज के लोक कलाकारों ने मयूर नृत्य और ब्रज की लोक गायकी रसिया शैली की जोरदार ढंग से प्रस्तुति दी। इस आयोजन को संस्कृति विभाग के मंत्री चौधरी लक्ष्मीनारायण बताया कि उत्तर प्रदेश की विभिन्न लोक संस्कृतियों को बढ़ावा देने के उद्देश्य काशी गोरखपुर और ब्रिज में इस तरह के आयोजन किए जा रहे हैं ।
दावों में यह है सच्चाई
मथुरा की विद्युत व्यवस्था के ये हालात तब है कि प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा इसी विधानसभा से विधायक चुने गए और उन्होंने मथुर-वृन्दावन दोनों शहरों को 24 घंटे लाइट देने का दावा भी किया। विद्युत मंत्री के उस दावे की पोल उन्हीं के मंत्री की मौजूदगी में खुल गई ऐसे सवाल यही है ऊर्जा मंत्री जिस दावे को बार-बार टीवी चैनलों के सामने करते हैं। आखिर उसमें कितनी सच्चाई है ।