नई दिल्ली. देशभर की जेलों में बंद कैदियों को लेकर चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। एक हजार कैदी सजा पूरी होने के बावजूद जेल में बंद हैं। इन्होंने सजा तो पूरी कर ली है मगर ये कोर्ट द्वारा तय किए गए आर्थिक दंड चुका नहीं पाए हैं। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने इस बाबत जानकारी दी है।
हैरानी की बात यह है कि इनकी ओर से परिवार, रिश्तेदार या दोस्त भी ये दंड नहीं चुका पाया। ऐसे में ये सालों से जेल में नर्क का जीवन जीने को मजबूर हैं। इतना ही नहीं, इनमें से 60 ऐसे कैदी हैं जो अपनी सजा पूरी होने के बाद भी पांच साल व उससे अधिक समय से जेल में बंद हैं। आंकड़ों के अनुसार, इनमें से सबसे ज्यादा कैदी उत्तर प्रदेश की जेलों में बंद हैं। इनकी संख्या 500 है। इन कैदियों में 41 महिलाएं शामिल हैं। इनमें से जो पांच साल से अधिक समय से जेल में हैं उन्हें 2.1 लाख रुपये बतौर आर्थिक दंड देना है।
कोर्ट उठा चुका है सवाल
मद्रास हाईकोर्ट ने साल 2012 में ऐसे कैदियों के जेल में रखे जाने पर सवाल उठाए थे। कोर्ट ने कहा था कि अगर कोई आर्थिक दंड देने के लिए सक्षम नहीं है तो उसे जेल में इस तरह रखा जाना न्यायोचित नहीं है। कोर्ट ने कहा था कि ऐसा करना संविधान के आर्टिकल 21 का खुलेआम उल्लंघन है। बता दें कि समूचे देश में 60 कैदी सजा पूरी होने के बाद भी पांच साल से अधिक समय से कैद में हैं। इनमें 16 महिलाएं हैं। 102 कैदी तीन से पांच साल ज्यादा सजा काट चुके हैं। अभी भी बंद हैं।
549 कैदी छह माह पूरे करने वाले हैं
549 कैदी जो सजा पूरी होने के बाद भी जेल में हैं वे छह माह अतिरिक्त सजा का समय पूरा करने वाले हैं। 122 दोषी छह से 12 महीने ज्यादा जेल में सजा काट चुके हैं। खैर, उत्तर प्रदेश के बाद मिजोरम में ऐसे कैदी ज्यादा हैं। पंजाब में 57, पश्चिम बंगाल में 48, केरल में 45, कर्नाटक में चार ऐसे दोषी कैद की सजा काट रहे हैं।