दो दिन रही भूखी, और शुरू हुआ शौचालय बनना
Published: Apr 28, 2015 03:57:00 pm
मध्यप्रदेश के
सागर जिले में छह साल की एक दलित बच्ची ने इस अभियान से प्रेरणा पाकर दो दिन खाना
नहीं खाया
भोपाल। केंद्र सरकार की ओर से चलाए जा रहे स्वच्छता अभियान के सकारात्मक असर दिखाई दे रहे हैं। मध्यप्रदेश के सागर जिले में छह साल की एक दलित बच्ची ने इस अभियान से प्रेरणा पाकर दो दिन खाना नहीं खाया। आखिरकार बच्ची की जिद से मजबूर पिता और भाइयों ने घर पर शौचालय बनवाना शुरू कर दिया। कक्षा छह में पढने वाली इस जुनूनी बच्ची को अब बीना स्थित भारत-ओमान रिफाइनरी लिमिटेड (बीओआरएल) ने निर्मल भारत अभियान के प्रचार के लिए अपना ब्रांड एंबेसडर बना लिया है।
बीओआरएल, बीना के वरिष्ठ प्रबंधक (एचआर) कामेश्वर पी मिश्रा ने बताया कि रिफाइनरी के संपूर्ण ग्राम स्वच्छता अभियान के तहत गैर सरकारी संगठनों के कर्मचारी स्कूलों और घरों में जाकर बच्चों को शौचालय इस्तेमाल के लिए प्रेरित करते हैं। इसी अभियान के तहत एक एनजीओ के कर्मचारी ग्राम पंचायत किर्रोद के स्कूलों में भी गए थे। क र्मचारियों ने बच्चों से कहा कि आप अन्न-जल का त्याग कर दें, लेकिन खुले में शौच ना जाएं और अपने घरों में शौचालय बनवाएं। उन्होंने बताया कि इस सीख का कक्षा छह की छात्रा तारा धानक पर ऎसा असर पडा कि उसने पूरी तरह अन्न-जल त्याग दिया।
तीन भाइयों की इकलौती बहन तारा के माता-पिता और भाइयों ने अब उसकी जिद के आगे झुकते हुए घर में शौचालय बनवाना शुरू कर दिया है। जिद की पक्की 10 वर्षीय तारा ने कहाकि अब वह अपने गांव के दूसरे लोगों को भी घर के बाहर शौच के लिए नहीं जाने की सीख दे रही है। तारा बड़ी होकर डॉक्टर बनना चाहती है, ताकि खुले में शौच से फैलने वाली बीमारियों की रोकथाम की दिशा में काम कर सके।
पूरे बीना शहर में उसके पोस्टर और होर्डिग लगवाए गए हैं। बीओआरएल अब न केवल उसकी शिक्षा का खर्च उठाएगा, बल्कि हरसंभव आर्थिक मदद भी देगा। तारा के पिता महेश धानक के मुताबिक उन्होंने बच्ची की जिद के आगे झुकते हुए अपने घर में शौचालय निर्माण शुरू करवा दिया है। इसके लिए उन्हें कुछ राशि ग्राम पंचायत किर्रोद की ओर से भी दी गई है।