देश में भुगतान के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के स्थान पर 12 अंकों वाला आधार कार्ड उपयोग किए जाने की योजना है।
नई दिल्ली। भारत में कैशलेस इकोनॉमी को बढ़ावा देने के लिए सरकार जल्द ही एक क्रांतिकारी कदम उठा सकती है। देश में सभी प्रकार के ट्रांजेक्शन के लिए आधार कार्ड का उपयोग करने की योजना है। दरअसल, नीति आयोग चाहता है कि देश में सभी प्रकार के ट्रांजेक्शसन के लिए केवल आधार कार्ड का ही उपयोग किया जाए।
यदि ऐसा हो हुआ तो देश में भुगतान के लिए डेबिट और क्रेडिट कार्ड के स्थान पर 12 अंकों वाला आधार कार्ड उपयोग किया जा सकेगा। यूआईडीएआई के महानिदेशक अजय पांडेय के अनुसार, आधार को ट्रांजेक्शन के लिए उपयोग करने पर किसी कार्ड या पिन की आवश्यकता नहीं होगी। एंड्रॉयड फोन प्रयोग करने वाले आधार कार्ड और फिंगरप्रिंट ऑथेंटिकेशन के जरिए आसानी से डिजिटल ट्रांजेक्शन कर सकते हैं।
पांडेय के अनुसार, इसके लिए एक बहुआयामी रणनीति बनानी होगी, जिसमें देश के सभी मोबाइल निर्माता कंपनियों समेत व्यापारियों और बैंको से बात करने की जरूरत है। सरकार इसे जल्द ही लागू करने के लिए काम करना शुरू कर दी है। जिससे सभी मोबाइल हैंडसेट्स में आईआरआईएस या थम्ब आइडेंटिफिकेशन की सुविधा लगाई जा सके। क्योंकि इसी तरीके से आधार आधारित ट्रांजेक्शंस किए जा सकेंगे।
नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, ‘भारत में मोबाइल बनाने वाली कंपनियों से हमने कहा है कि वे सभी मोबाइल हैंडसेट्स में आईआरआईएस या थम्ब आइडेंटिफिकेशन की सुविधा लगाए जिससे आसानी से आधार कार्ड को ट्राजेंक्शन से जोड़ा जा सके।
गौरतलब है कि 8 नवंबर को घोषित की गई नोटबंदी के बाद भारत सरकार ने 30 दिसंबर तक डिजिटल ट्रांजेक्शंस पर लगने वाले अतिरिक्त शुल्क को नहीं लगाने का आदेश दिया है।