As we mark the 50th anniversary of 1965 war, I bow to all brave soldiers who fought for our Motherland in the war. pic.twitter.com/kvXMXCHuew
— Narendra Modi (@narendramodi) August 28, 2015
जंतर-मंतर पर नारे, इंडिया गेट पर श्रद्धांजलि
वहीं इंडिया गेट से दो किलोमीटर दूर जंतर मंतर पर पूर्व सैनिक, जिनमें 1965 की जंग लड़ने वाले सैनिक भी शामिल हैं, वन रैंक वन पेंशन लागू करने की मांग को लेकर अनशन पर बैठे हैं। विरोधस्वरूप पूर्व सैनिकों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। इधर, वन रैंक वन पेंशन को लागू करने को लेकर सरकार और सैनिकों के बीच सहमति नहीं बन पाई। सहमति न बनने के कारण पूर्व सैनिकों ने 1965 युद्ध को लेकर आयोजित कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया।
Shri Pranab Mukherjee pays tributes at Amar Jawan Jyoti to mark Golden Jubilee of India’s victory in Indo-Pak War pic.twitter.com/xKRNTM0kWm — MIB India (@MIB_India) August 28, 2015
सातवें वेतन आयोग तक इंतजार नहीं
इस बारे में सेनाध्यक्ष जनरल दलबीर सिंह सुहाग और पूर्व सैनिकों के बीच चर्चा हुई लेकिन नतीजा सिफर रहा। इंडियन एक्स सर्विसमैन मूवमेंट के चेयरमैन रिटायर्ड मेजर जनरल सतबीर सिंह ने कहाकि हम सेनाध्यक्ष से मिले लेकिन आगे बढ़ने का रास्ता नहीं निकला। हम साल 2013-14 को बेस बनाने और एक अप्रैल 2014 से पेमेंट का भुगतान की मांग पर बने हुए हैं। वन रैंक वन पेंशन को सातवें वेतन आयोग के लिए छोड़ा जाना चाहिए और परिभाषा वही हो जो संसद ने स्वीकार की है।
सरकार 2011 को बेस बनाना चाहती है
सरकार तीन प्रतिशत सालाना वृद्धि के बजाय साल 2011 को बेस बनाना चाहती है। साथ ही चाहती है कि भुगतान एक अप्रैल 2015 से किया जाए, जिससे पूर्व सैनिक सहमत नहीं है। सरकार के सूत्रों का कहना है कि वन रैंक वन पेंशन को लेकर सरकार पूरी तरह से संकल्पित है और घोष्ाणा अंतिम चरण में है। इसी बीच शुक्रवार को दो और पूर्वसैनिकों को अस्पताल ले जाया गया। यह दोनों अनशन पर बैठे हुए थे और डॉक्टर की सलाह के बाद इन्हें आर्मी अस्पताल ले जाया गया।