scriptअनुकंपा के आधार पर दंगा पीड़ितों को नौकरी नहीं : सुप्रीम कोर्ट | 2002 Gujarat riots: Jobs on compassionate ground for riot victims' kids can't be given | Patrika News

अनुकंपा के आधार पर दंगा पीड़ितों को नौकरी नहीं : सुप्रीम कोर्ट

Published: Jul 07, 2015 08:09:00 pm

SC ने 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों में मारे गए लोगों के आश्रितो अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने से इनकार कर दिया

Supreme Court

Supreme Court

अहमदाबाद। सुप्रीम कोर्ट ने 2002 में गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों में मारे गए लोगों के आश्रितो और बच्चों को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने के लिए केन्द्र और राज्य सरकार को निर्देश देने से इनकार कर दिया। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस मामले में अनुकंपा के आधार पर नौकरी नहीं दी जा सकती।

जस्टिसों एक बेंच ने कहा, “इस मामले में एक स्थापित कानून नहीं हैं और कानून को इस हद तक नहीं खींचा जा सकता कि इस मामले में अनुकंपा के आधार नियुक्ति के आदेश दिए जा सके। हम इस तरह का आदेश नहीं दे सकते।”

बेंच ने कहा कि अगर दंगा पीड़ितों को ऐसी कोई सुविधा उपलब्ध कराई जाती है तो भी इनकी सरकारी नौकरी सुनिश्चित नहीं की जा सकती है, जब तक कानूनी प्रक्रिया के तहत कोई उपाय नहीं किया जाता। यह भी देखा जाना चाहिए कि उस भयावह हादसे को 13 सला गुजर चुके हैं।

केंद्र सरकार की तरफ से अडिशनल अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने हाल ही में बेंच के सामने कहा था कि दंगा पीड़ितों को राज्य और केंद्र सरकार द्वारा नीतियों के आधार पर मुआवजा दिया गया था। साथ ही, मुआवजे देते समय गुजरात हाई कोर्ट द्वारा दिए गए निर्देशों का भी पालन किया गया था।

मेहता के मुताबिक सरकार ने दंगा पीड़ितों के आश्रितों को इंटेलिजेंस ब्यूरो और सीआईएसएफ में नौकरी के लिए कुछ सहूलियतें दी थीं, लेकिन एक भी उम्मीदवार इसका लाभ उठाने के लिए आगे नहीं आया।

दिसंबर 2013 में पिछली यूपीए सरकार द्वारा दायर हलफनामे को पढ़ते हुए मेहता ने कहा कि डीओपीटी अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने से साफतौर पर इनकार कर चुका है, क्योंकि ये नौकरियां एक अलग वर्ग के सरकारी कर्मचारियों के लिए हैं।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो