रूस में मार्शल आर्ट्स क्लासेस में सेल्फी स्टिक्स को हथियार के रूप में
इस्तेमाल करना सिखाया जा रहा है। इस तरह मार्शल आर्ट्स के हथियारों में एक
नया नाम सेल्फी स्टिक्स का भी जुड़ गया है।
रूस में मार्शल आर्ट्स क्लासेस में सेल्फी स्टिक्स को हथियार के रूप में इस्तेमाल करना सिखाया जा रहा है। इस तरह मार्शल आर्ट्स के हथियारों में एक नया नाम सेल्फी स्टिक्स का भी जुड़ गया है। नए मार्शल आर्ट्स कोर्स के आयोजकों के मुताबिक सेल्फी स्टिक पूरी तरह से कानूनी है और इसे हवाई जहाज में भी ले जाया जा सकता है।
मास्को स्थित मार्शल आर्ट्स सेंटर एम-प्रोफी के मैनेजर्स का कहना है कि वे विशेष रूप से पर्यटकों और नियमित रूप से यात्रा करने वाले लोगों को ‘मोनोपॉड फाइटिंग’ ऑफर कर रहे हैं, क्योंकि स्टिक के साथ जुड़े महंगे स्मार्टफोन अक्सर चोरों को लुभाते हैं।
प्रवक्ता दारिया लैपशिना ने बताया कि विदेश में यात्रा करते वक्त आमतौर पर पर्यटक के पास केवल सेल्फी स्टिक ही एकमात्र हथियार होता है। आत्मसुरक्षा में इसका फायदा उठाया जा सकता है। हैंडबैग में मौजूद पेपर स्प्रे या बंदूक भी आत्मरक्षा के साधन हैं, लेकिन जब तक लोग उसे निकालते हैं, तब तक देर हो चुकी होती है। दूसरी और एक सेल्फी स्टिक तुरंत इस्तेमाल की जा सकती है।
सेल्फी स्टिक के ज़रिए किए जा रहे मार्शल आर्ट्स के कोर्स में पांच क्लासेस शामिल की गई हैं। प्रशिक्षकों का कहना है कि मोनोपॉड फाइटिंग के बेसिक्स केवल 15 मिनट में सीखे जा सकते हैंआयोजक के मुताबिक सॉलिड मेटल डिजाइन स्टिक ज्यादा प्रभावी है। मोनोपॉड फाइटिंग में थाई बॉक्सिंग, मिक्स्ड मार्शल आर्ट्स और आयोजकों के व्यक्तिगत अनुभवों को भी शामिल किया गया है।
इसमें चुनौती भी होती है, क्योंकि यदि आपके हाथ में सेल्फी स्टिक है जिसके साथ मोबाइल अटैच है तो हमलावर से लड़ने की इस कड़ी में फोन भी टूट सकता है। इसलिए हम लोगों को खास ट्रेनिंग भी देते हैं।