नई दिल्ली. समूचे देश के सरकारी स्कूलों की हालत बेहद खराब है। 52 फीसदी पांचवीं कक्षा के छात्र सही से दूसरी कक्षा की हिन्दी की किताब तक नहीं पढ़ पा रहे। 2014 की स्टेट्स ऑफ एजुकेशन रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।
– 52 फीसदी पांचवीं के छात्र दूसरी कक्षा की हिन्दी की किताब नहीं पढ़ पाते
– 05 में से 01 छात्र (प्राइमरी) ही अंग्रेजी के आसान शब्द पढ़ पाता है
– 16,497 गावों के सरकारी स्कूल की स्थिति चिंताजनक पाई गई
– 66 फीसदी सरकारी प्राइमरी स्कूलों को गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा देने की दरकार
– 21 राज्यों की सरकारों ने गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए नई नीतियां बनाईं
उच्च शिक्षा में यह नियम रोड़ा
– 78 फीसद बच्चों पर नो डिटेंशन पॉलिसी का गलत असर
– 44 फीसदी बच्चों को दसवीं व उसके बाद पढ़ाई में दिक्कत इस पॉलिसी के कारण
-09वीं कक्षा तक परीक्षा पास किए बिना अगली कक्षा में भेजने का नियम है इस पॉलिसी में
– 09 राज्यों ने इसका विरोध कर इसे बंद करने की मांग की
इन राज्यों की स्थिति खराब
– राजस्थान
– झारखंड
– छत्तीसगढ़
– हरियाणा
– दिल्ली
– उत्तर प्रदेश
– हिमाचल प्रदेश
– गुजरात