उड़ान और गैर उड़ान वाले 950 प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए 700 गरुड़ कमांडो के दस अतिरिक्त दस्तों का गठन किया जाएगा
नई दिल्ली। पठानकोट एयरबेस पर हुए आतंकी हमले के बाद भारतीय वायु सेना ने अपनी सुरक्षा चाकचौबंद करने के लिए गरुड़ कमांडो की मदद लेगी। इसके लिए उड़ान और गैर उड़ान वाले 950 प्रतिष्ठानों की सुरक्षा के लिए 700 गरुड़ कमांडो के दस अतिरिक्त दस्तों का गठन किया जाएगा।
वायुसेना के पास हैं 1080 गरुड़ कमांडो
यह योजना बेहतर सेंसर और बिजली वाले बाड़ के साथ देशभर में 54 मुख्य उड़ान अड्डों की किलेबंदी को तेज करने की है। पठानकोट आतंकी हमले के बीच, वायुसेना द्वारा अपने प्रतिष्ठान की पूरी जांच के बाद यह फैसला किया गया। फिलहाल वायुसेना के पास 1080 गरूड़ कमांडो हैं। गरुड़ वायु सेना के ठिकानों की सुरक्षा के लिए गठित विशेष रूप से प्रशिक्षित कमांडो की टीम हैए जो शांति और युद्धकाल दोनों में किसी भी तरह की प्रतिकूल स्थिति से निपटने में सक्षम है।
कैसे तैयार होते हैं कमांडो
गरुड़ कमांडो को ढाई साल की कड़ी ट्रेनिंग के बाद तैयार किया जाता है। ये ट्रेनिंग इतनी मुश्किल होती है कि आधे तो कुछ ही महीनों में छोड़कर चले जाते हैं। ट्रेनिंग के दौरान इन्हें उफनती नदियों और आग से गुजरना, बिना सहारे पहाड़ पर चढऩा पड़ता है। भारी बोझ के साथ कई किमी की दौड़ और घने जंगलों में रात गुजारना भी इनकी ट्रेनिंग का हिस्सा है। अत्याधुनिक हथियारों से लैस इस फोर्स को हवाई क्षेत्र में हमला करने, दुश्मन की टोह लेने, हवाई आक्रमण करने, स्पेशल कॉम्बैट और रेस्क्यू ऑपरेशन्स के लिए खास तौर पर तैयार किया जाता है।