बिहार में भिखारियों ने खोला अपना बैंक
बिहार में गया के प्रसिद्ध मंगलागौरी मंदिर के दर पर सैकड़ों भिखारी अपना जीवन बसर कर रहे हैं
गया। बिहार में गया के प्रसिद्ध मंगलागौरी मंदिर के दर पर सैकड़ों भिखारी अपना जीवन बसर कर रहे हैं। सुख-दुख में साथ रहने वाले भिखारियों ने अपने लोगों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने के लिए बैंक खोलने की सोची। अपनी सोच को साकार करते हुए भिखारियों ने मंगला नाम से बैंक खोल लिया है। रूपया जमा करने और निकालने के अलावा बैंक जरूरत पड़ने पर लोन भी देता है। बैंक मैनेजर, मनी कलेक्टर, सेक्रेटरी जैसे सभी पदों पर भिखारी ही नियुक्त हैं।
5 फीसदी पर लोन
संभवत: ये ही ऎसा बैंक है जो सबसे कम दो से पांच प्रतिशत की दर से लोन देता है। 40 सदस्यीय इस बैंक के कई सदस्यों के पास न तो बीपीएल और न ही आधार कार्ड है।
हर मंगल 20 रूपए
पढ़े-लिखे राजकुमार मांझी बैंक के मैनेजर हैं। बैंक में हर सदस्य प्रत्येक मंगलवार को बीस रूपए जमा करता है। हफ्ते में 800 रूपए जमा हो जाते हैं। मांझी बताते हैं कि कुछ समय पहले मेरी बहन और बेटी खाना बनाते वक्त जल गई थी। इलाज के लिए रूपयों की सख्त जरूरत थी, तब बिना पेपर वर्क के बैंक ने आठ हजार रूपए का लोन दिया।
वर्जन
ये भिखारियों की जरूरतों को पूरा करने के लिए पिछले साल ये बैंक शुरू हुआ है। समाज में हमारे साथ दुर्व्यवहार होता है, क्योंकि बहुत गरीब हैं, लेकिन हम दिखा देंगे कि हम भी समाज में कुछ मुकाम रखते हैं।
मालती देवी, सेक्रेटरी, मंगला बैंक
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