scriptसाइरस मिस्त्री को हटाने के बाद कानूनी लड़ाई में टाटा संस | After removing Mistry as chairman, Tata Sons prepare for legal battle | Patrika News

साइरस मिस्त्री को हटाने के बाद कानूनी लड़ाई में टाटा संस

Published: Oct 26, 2016 12:01:00 am

मिस्त्री ने हालांकि आधिकारिक रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं

Tata Sons

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मुंबई। टाटा संस के अध्यक्ष पद से साइरस पी. मिस्त्री को हटाने के बाद यह मामला अब कानूनी लड़ाई में तब्दील होने लगा है। कहा जा रहा है कि मिस्त्री वरिष्ठ वकीलों से सलाह-मशविरा कर रहे हैं। उधर, टाटा समूह ने भी सर्वोच्च न्यायालय, बंबई उच्च न्यायालय और राष्ट्रीय कंपनी कानून प्राधिकरण में कैविएट याचिका दाखिल कर फैसले से पहले पक्ष बनाने की अपील की है। अभिषेक मनु सिंघवी और हरीश साल्वे समेत वकीलों का एक दल टाटा की तरफ से मामले को देख रहा है। सिंघवी ने कहा कि ‘पूर्व चेतावनी’ के तौर पर ये कैविएट दाखिल किए गए हैं, ताकि बिना उसके मामले की सुनवाई न हो।

शापूरजी पालोनजी समूह मिस्त्रीके पिता का समूह है, जिसकी टाटा संस में 18.4 फीसदी हिस्सेदारी है। समूह का कहना है कि वे परिस्थितियों का अध्ययन कर रहे हैं और उसके बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। मंगलवार को शापूरजी पालोनजी समूह ने कहा कि वह इस अप्रत्याशित कॉरपोरेट तख्तापलट की ‘परिस्थिति का अध्ययन’ कर रही है। मिस्त्री ने हालांकि आधिकारिक रूप से इस पर कोई बयान नहीं दिया है, लेकिन उनके अगले कदम को लेकर अटकलें लगाई जा रही हैं।

शापूरजी पालोनजी समूह के आधिकारिक प्रवक्ता ने कहा, न तो एसपी समूह और न ही साइरस मिस्त्री ने अभी तक कोई बयान दिया है। फिलहाल परिस्थितियों का अध्ययन किया जा रहा है। इस स्तर पर मीडिया द्वारा मुकदमेबाजी की अटकलें लगाने का कोई आधार नहीं है। कंपनी ने कहा कि जब जरूरी होगा तब इस पर बयान जारी किया जाएगा।

सिंघवी मंगलवार शाम दिल्ली से मुंबई रवाना हुए। उन्होंने टाइम्स नाउ से कहा कि टाटा संस के बोर्ड के लगभग सभी सदस्यों (9 में से 7) ने मिस्त्री में अपना भरोसा खो दिया था। उन्होंने कहा कि विश्वास की कमी साफ झलक रही थी। सिंघवी ने कहा कि रतन टाटा जोकि अंतरिम अध्यक्ष बनाए गए हैं, ब्रांड टाटा के प्रति प्रतिबद्ध हैं और उन्होंने जो भी किया है, समूह की भलाई के लिए किया है।

टाटा संस के अंतरिम अध्यक्ष रतन एन. टाटा ने मंगलवार को समूह की कंपनियों में संभावित बदलाव के संकेत दिए और उन्होंने समूह की कंपनियों से संंबंधित बाजार में नेतृत्वकारी भूमिका निभाने तथा शेयरधारकों का रिटर्न बढ़ाने पर ध्यान देने की गुजारिश की।

टाटा ने समूह की कंपनियों के प्रबंध निदेशकों और वरिष्ठ अधिकारियों से कहा, कंपनियों को बाजार में अपनी स्थिति और प्रतिस्पर्धा पर ध्यान देना चाहिए, न कि उन्हें अपने अतीत के साथ तुलना करनी चाहिए। कंपनियों की कोशिश बाजार का नेतृत्व करने की होनी चाहिए, न कि अनुसरणकर्ता बनने की।

उन्होंने समूह की कंपनियों के शीर्ष नेतृत्व से ‘नेतृत्व में परिवर्तन से चिंतिंत हुए बिना’ संबंधित कारोबार पर ध्यान देने को कहा। साइसस पी. मिस्त्री को चेयरमैन पद से हटाए जाने के बाद टाटा संस का अंतरिम अध्यक्ष बनाए जाने के एक दिन बाद रतन टाटा का यह पहला बयान है।

उन्होंने कहा, किसी संस्था को उसके लोगों से अधिक बड़ा होना चाहिए। मुझे आप सब पर गर्व है कि इस समूह का निर्माण हम साथ मिलकर कर रहे हैं। कंपनियों के कामकाज में संभावित परिवर्तन की तरफ इशारा करते हुए उन्होंने कहा कि वर्तमान में चल रही पहलों का मूल्यांकन किया जाएगा और जिन्हें जारी रखने की आवश्यकता होगी, उन्हें जारी रखा जाएगा।

उन्होंने कंपनी के शीर्ष अधिकारियों को आश्वस्त किया, अगर कोई बदलाव होगा, तो पहले आपसे चर्चा की जाएगी। टाटा ने कहा कि उन्होंने अंतरिम अध्यक्ष का पद स्थिरता और निरंतरता के लिए स्वीकारा, ताकि कामकाज में कोई व्यवधान न पड़े। उन्होंने आश्वस्त किया कि यह अल्पकालिक व्यवस्था है और नया नेतृत्व शीघ्र स्थान ग्रहण करेगा।

इस अप्रत्याशित घटनाक्रम से अन्य कॉरपोरेट कंपनियां भी भौचक्क हैं। गोदरेज समूह के अध्यक्ष आदि गोजरेज ने कहा, साफ है कि इससे समूह की प्रतिष्ठा को धक्का लका है। सीएनबीसी टीवी 18 से बात करते हुए उन्होंने कहा कि शीर्ष पर मतभेदों को समूह को बेहतर तरीके से सुलझाना चाहिए था।

ट्रस्ट रिसर्च एडवायजरी के सीईओ एन. चंद्रमौली ने कहा कि टाटा ब्रांड भरोसे का प्रतीक है। अप्रत्याशित रूप से साइरस मिस्त्री को इस तरह से हटाना इसके खिलाफ है। एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में टाटा संस समूह ने सोमवार को घोषणा की कि कंपनी बोर्ड ने मिस्त्री की जगह रतन एन. टाटा को कंपनी का अंतरिम अध्यक्ष चुना है।

बोर्ड ने इसके अलावा नए अध्यक्ष की खोज के लिए एक चयन समिति का गठन किया है, जिसमें रतन एन. टाटा, वेणु श्रीनिवासन, अमित चंद्रा, रोनेन सेन और लार्ड कुमार भट्टाचार्य शामिल हैं। यह समिति कंपनी के नियमानुसार चार माह में अध्यक्ष का चयन कर लेगी। 48 वर्षीय मिस्त्री आयरलैंड के निवासी हैं और चार साल पहले दिसंबर 2012 में वह टाटा संस के अध्यक्ष बने थे।

वहीं, टाटा समूह की सहयोगी कंपनियों के शेयरों में मंगलवार दोपहर को गिरावट देखी गई। इससे एक दिन पहले ही साइरस पी. मिस्त्री को हटाकर रतन टाटा को समूह का अंतरिम अध्यक्ष बनाया गया है। टाटा संस टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी है। इस समूह की कंपनियों के शेयरों में एक से चार फीसदी की गिरावट देखी गई।

बीएसई (बम्बई स्टॉक एक्सचेंज) पर प्रमुख कंपनी टाटा मोटर्स और टाटा स्टील के शेयरों में कारोबारी सत्र की शुरुआत से ही गिरावट देखी गई और दोपहर तक यह लाल निशान में ही देखे गए। टाटा केमिकल्स के शेयरों में 3.38 फीसदी की गिरावट देखी गई और यह अपराह्न 2.10 बजे 558 रुपये पर था। जबकि टाटा मोटर्स का शेयर 1.06 फीसदी गिरकर 553.20 रुपये पर था।

इसी प्रकार टाटा पॉवर का शेयर 1.44 फीसदी गिरकर 82,40 रुपये पर, टाटा स्टील का शेयर 2.40 फीसदी गिरकर 415.95 रुपये पर और टाटा कंसलटेंसी सर्विस का शेयर 1.12 फीसदी गिरकर 2400.75 रुपये पर था।

ट्रेडबुल्स के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और निदेशक ध्रुव देसाई ने कहा, टाटा संस के चेयरमैन साइरस मिस्त्री के हटाए जाने के कारण समूह के शेयरों में गिरावट आई है। हालांकि इसमें गिरावट के बाद थोड़ा सुधार देखा गया है। जियोजित बीएनपी पारिबा फाइनेंसियल सर्विसिस के मुख्य बाजार रणनीतिकार आनंद जेम्स ने कहा, ”ऐसी बड़ी खबर को पचाने में शेयर बाजार को थोड़ा वक्त लगता है। इसलिए टाटा के शेयरों में गिरावट समझ में आता है।
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