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कांग्रेस ने राफेल सौदे को लेकर केन्द्र सरकार पर साधा निशाना

Published: Sep 24, 2016 07:57:00 pm

कांग्रेस ने कहा कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लिए स्थिति जटिल और संवेदशनशील होती जा रही है।

ak antony

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नई दिल्ली। कांग्रेस ने शनिवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार पर फ्रांस से केवल 36 राफेल विमान खरीदने को लेकर निशाना साधा, जबकि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन सरकार (संप्रग) के शासनकाल में 126 विमान खरीदने पर सहमति बनी थी। कांग्रेस ने कहा कि भारतीय वायुसेना (आईएएफ) के लिए स्थिति जटिल और संवेदशनशील होती जा रही है।

कांग्रेस नेता ए.के. एंटनी ने संवाददाताओं से कहा कि संप्रग सरकार के दौरान हमने आईएएफ की स्थिति को मजबूत बनाने के लिए 126 विमान खरीदने की योजना बनाई थी। अब उसे कम करके 36 विमान कर दिया गया है।

एंटनी ने कहा कि आईएएफ के मुताबिक, 126 उनकी तत्काल संचालन आवश्यकताओं के लिए न्यूनतम आवश्यकता है। पूर्व रक्षामंत्री ने कहा कि भारतीय वायुसेना में लड़ाकू विमानों की स्वीकृत संख्या 42 स्क्वाड्रन है और अब स्थिति जटिल और संवेदशनशील है। आईएएफ को और अधिक स्क्वाड्रन की जरूरत है और 2022 तक यह संख्या घटकर 25 रह जाएगी।

एंटनी ने सवाल किया कि सरकार की योजना क्या है? वह अपनी ताकत बढ़ा रहे चीन और पाकिस्तान की तुलना में अंतर को कैसे पाटेगी? कांग्रेस नेता की ये टिप्पणियां फ्रांस से 7.87 अरब यूरो कीमत के 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीदने के करार पर भारत के हस्ताक्षर के एक दिन बाद आई है।

एंटनी ने कहा कि आज हमने मीडिया में कुछ भ्रामक खबरें पढ़ी हैं, जिनमें दावा किया गया है कि वर्तमान सरकार ने इस सौदे में पैसे बचाए हैं। यह सही नहीं है। एंटनी ने कहा कि संप्रग अंतिम करार तक नहीं पहुंच पाया था और कीमत को लेकर बातचीत चल रही थी।

एंटनी ने कहा कि उस समय कीमत को लेकर मुझे पूर्व वित्तमंत्री यशवंत सिन्हा समेत कई जिम्मेदार लोगों से शिकायतें मिली थीं। उन्होंने कहा था कि उन्होंने कहा था कि कीमत बहुत अधिक है, बेहद ऊंची है। कांग्रेस नेता ने कहा कि मैंने कहा कि इससे पहले कि हम अनुबंध पर हस्ताक्षर करें, हमें बेहद वरिष्ठ नेताओं से जीवन चक्र लागत के बारे में मिली शिकायत की वित्त मंत्रालय द्वारा अच्छी तरह से जांच करानी चाहिए। उन्होंने कहा कि आप संप्रग सरकार के शासन काल के दौरान की कीमत और वर्तमान कीमत की तुलना नहीं कर सकते। इस तरह की खबरें फैलाना सही नहीं है। 

एंटनी ने साथ ही कहा कि वह वास्तविक करार का विवरण जाने बिना वर्तमान कीमत पर कोई टिप्पणी नहीं करना चाहते। लड़ाकू विमानों की तकनीक के हस्तांतरण पर विचार नहीं करने को लेकर भाजपा पर निशाना साधते हुए एंटनी ने कहा कि हमने कहा था कि हम फ्रांस से केवल 18 विमान खरीदेंगे और शेष 108 एचएएल (हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड) के सहयोग से भारत में ही निर्मित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि इसलिए करार 18 विदेशों से खरीदने और 108 भारत में निर्मित करने का था। वर्तमान करार में वह स्थिति नहीं है। इसमें मेक इन इंडिया नहीं है।
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