scriptभ्रष्टाचार निरोधक कानून ईमानदार फैसले में बाधक : जेटली | Anti corruption law stumbling block in taking honest decisions : Jaitley | Patrika News

भ्रष्टाचार निरोधक कानून ईमानदार फैसले में बाधक : जेटली

Published: Apr 27, 2015 11:57:00 pm

जेटली ने कहा कि जांच पुलिस का काम है, लेकिन ऎसी स्थिति आ गई है कि
अदालत जांच की निगरानी कर रही है

Arun Jaitley

Arun Jaitley

नई दिल्ली। केंद्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली ने भ्रष्टाचार निरोधक कानून में पूर्ण संशोधन की जरूरत बताई और कहा कि 27 साल पुराना यह कानून ईमानदारी से फैसला लिए जाने की राह में बाधक है और इसमें भांति-भांति प्रकार से व्याख्या के लिए कई गुंजाइश खुली छोड़ दी गई है। जेटली यहां केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के प्रथम निदेशक डी.पी. कोहली की स्मृति में आयोजित व्याख्यान दे रहे थे। उन्होंने कहा, क्या 1988 का कानून भ्रष्टाचार और ईमानदारी से लिए गए फैसले में हुई भूल के बीच फर्क कर सकता है?

उन्होंने कहा, 1988 का कानून परीक्षा पर खरा नहीं उतर पाया है। खास कर यह कानून अलग-अलग तरीके से व्याख्या किए जाने के लिए खुला हुआ है और इसमें भ्रष्टाचार और द्घरश्वतखोरी की अलग-अलग तरीके से व्याख्या करने की गुंजाइश छोड़ दी गई है।

जेटली ने कहा कि जांच पुलिस का काम है, लेकिन ऎसी स्थिति आ गई है कि अदालत जांच की निगरानी कर रही है, जिससे जांचकर्ता और अन्य पक्ष बचाव की मुद्रा में आ गए हैं। इसके कारण नीति निर्माता फैसले लेने से कतराने लगे हैं।

उन्होंने कहा, किसी भी आर्थिक गतिविधि में फैसले तेजी से लिए जाने चाहिए। लेकिन हमारी विकास दर घट रही थी, महंगाई दर बढ़ रही थी। फैसले के अवरूद्ध रहने की हमें भारी क ीमत चुकानी पड़ रही है। जेटली पिछली सरकार द्वारा फैसले लेने में की गई देरी की ओर इशारा कर रहे थे।

उन्होंने कहा, कहीं न कहीं हमने अपनी निर्णय निर्माण प्रक्रिया की विश्वसनीयता खो दी है। 2014 में देश में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ। 2014 में महत्वपूर्ण बदलाव हुआ। 30 साल बाद स्पष्ट जनादेश मिला। अब महत्वपूर्ण विषय पर तेजी से फैसला किया जा सकता है।
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