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JNU के बाद प्रेस क्लब में भी लगे देश विरोधी नारे, FIR दर्ज

Published: Feb 12, 2016 12:37:00 pm

Submitted by:

Abhishek Tiwari

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में और संसद के बाहर देश विरोधी नारे लगने के
बाद शुक्रवार को प्रेस क्लब में भी देश विरोधी
नारे लगे

Press Club Of India

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नई दिल्ली। दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में और संसद के बाहर देश विरोधी नारे लगने के बाद शुक्रवार को प्रेस क्लब में भी देश विरोधी और पाकिस्तान के पक्ष में नारे लगे। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने अपने परिसर में एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान अफजल गुरु के समर्थन में देश विरोधी नारेबाजी किए जाने के एक दिन बाद उन सदस्यों के खिलाफ प्रकरण दर्ज किया है जिन्होंने कार्यक्रम के लिए कान्फ्रेंस हॉल बुक किया था। नारेबाजी के बाद पुलिस ने जाकिर हुसैन कॉलेज के प्रफेसर एसएआर गीलानी समेत कुछ और लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है।
 
प्रेस क्लब के महासचिव नदीम अहमद काजमी ने कहा कि हम इस घटना की सख्त निंदा करते हैं। हमने उन सदस्यों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की है जिनके हस्ताक्षर से कान्फ्रेंस हॉल लिया गया था। कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है और इसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी। दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर एवं क्लब के सदस्य अली जावेद ने इस आयोजन से दूरी बनाते हुए कहा कि वह इस तरह की हरकतों को स्वीकार नहीं करते और किसी भी सूरत में वह आयोजकों में शामिल नहीं थे।

देश विरोधी तत्वों के खिलाफ होगी शख्त कार्रवाई-गृह मंत्री

बता दें कि इससे पहले शुक्रवार को केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने देश‌ विरोधी तत्वों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए ये कहा कि उन लोगों के खिलाफ कठोर से कठोर कार्रवाई की जाएगी जो लोग देश विरोधी नारे लगाएंगे। राजनाथ सिंह ने कहा कि जो लोग देश की एकता और अखंडता को चोट पहुंचाने की कोशिश करेंगे सरकार उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी। देश की अस्मिता को चोट पहुंचाने का अधिकार किसी को नहीं है।

शहादत दिवस मनाने को लेकर हुआ ये सारा बवाल

बता दें कि ये सारा मामला जेएनयू में आतंकी अफजल गुरू के मृत्यु दिवस को शहादत दिवस के रूप में मनाने के बाद से ही शुरू हुआ है। इस मामले में दिल्ली के सांसद महेश गिरी भी शिकायत दर्ज करा चुके हैं। जेएनयू में अफजल गुरु का शहादत दिवस मनाने और इस दौरान देश विरोधी नारे लगाने के मामले में वसंत कुंज (नॉर्थ) थाने में अज्ञात लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है।

पूर्वी दिल्ली से सांसद महेश गिरी की शिकायत पर मामला दर्ज हुआ है। जेएनयू में काफी संख्या में पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। पुलिस के अनुसार, सांसद महेश गिरी बृहस्पतिवार शाम करीब छह बजे हौजखास पहुंचे और दक्षिण जिला डीसीपी प्रेमनाथ से मुलाकात की। इसके बाद उन्होंने वसंत कुंज (नॉर्थ) थाने पहुंचकर लिखित शिकायत दी।


वाम समर्थकों ने मनाया शहादत दिवस


डीसीपी ने बताया कि सांसद की शिकायत से पहले उनके पास कोई शिकायत नहीं आई थी। हालांकि पुलिस मामले की जांच कर रही थी। दिल्ली पुलिस आयुक्त भीमसेन बस्सी ने जेएनयू मामले में दक्षिण जिला पुलिस से रिपोर्ट मांगी थी। सूत्रों के अनुसार, जिला पुलिस ने बुधवार को ही कई पेज की रिपोर्ट सौंप दी। बताया जा रहा है कि जेएनयू में वामपंथी विचार वालों ने अफजल गुरु का शहादत दिवस मनाया और कश्मीर को लेकर भारत विरोधी नारे लगाए, जिसके बाद जेएनयू में बवाल हो गया। पूरी जानकारी के लिए पुलिस ने एक चैनल से कवरेज का वीडियो मांगा है। चैनल ने कवरेज की प्रति जल्द ही देने की बात कही है।

छात्र राजनीति बनी अखाड़े की वजह

जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय कैंपस में अफजल गुरु शहादत दिवस मनाने का मामला गरमा गया है। घटना के तीसरे दिन बृहस्पतिवार को कैंपस छात्र राजनीति का अखाड़ा बन गया। जेएनयू छात्रसंघ समेत लेफ्ट संगठनों से जुड़े छात्र संगठनों ने अपनी स्टेटमेंट में कार्यक्रम के आयोजन से पल्ला झाड़ लिया। हालांकि कुलपति का कहना है कि कमेटी की रिपोर्ट व वीडियो फुटेज के आधार पर विवि दोषी छात्रों के खिलाफ कार्रवाई करेगा। उधर, कैंपस में बृहस्पतिवार को जेएनयू छात्रसंघ के संयुक्त सचिव व एबीवीपी पदाधिकारी सौरभ शर्मा की अध्यक्षता में विजयी जुलूस निकाला गया। इस दौरान भारत माता की जय, कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है, भारत की अखंडता व सौहार्द बना रहे, आदि नारे लगाए गए।

एबीवीपी का आरोप, विवि प्रशासन नहीं कर रहा कार्रवाई

कुलपति कार्यालय के बाहर एबीवीपी ने विरोध दर्ज करवाया। इस दौरान अफजल गुरु की शहादत दिवस नाम से कार्यक्रम आयोजित करने वाले छात्र ग्रुप समेत पोस्टर में लिखे गए नाम वाले छात्रों को निलंबित करने की मांग की गई। सौरभ का कहना है कि कैंपस में लगे पोस्टर में छात्रों के नाम हैं, लेकिन विवि ने अभी तक उन छात्रों को कैंपस से निलंबित नहीं किया है। इसके अलावा वीडियो फुटेज में छात्रों के चेहरे को देखकर उन पर देशद्रोह का मुकदमा भी दर्ज होना चाहिए।
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