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अरूधंति रॉय और कुंदन शाह वापिस करेंगे नेशनल अवार्ड

Published: Nov 05, 2015 01:12:00 pm

अरूंधति ने कहाकि लोग अभी खड़े नहीं हुए तो दफना दिए जाएंगे, नीति आयोग के सदस्य देबरॉय ने कहाकि देश में असहिष्णुता हमेशा से रही है। 

arundhati roy

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नई दिल्ली। बुकर प्राइज विजेता अरूंधति रॉय ने अपना नेशनल अवॉर्ड लौटाने का ऎलान किया। अरूधंति को उन्हें 1989 में फिल्म इन विच एन्नी गिव्स् इट दोज वन्स के लिए बेस्ट स्क्रीनप्ले का नेशनल अवॉर्ड मिला था। उनके अलावा “जाने भी दो यारो”फिल्म बनाने वाले फिल्मकार कुंदन शाह ने भी इंदिरा गांधी अवार्ड लौटाने का फै सला किया है। वहीं नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय ने कहाकि देश में असहिष्णुता हमेशा से रही है।

अरूंधति ने कहाकि लोग अभी खड़े नहीं हुए तो हम अलग थलग पड़ जाएंगे और दफना दिए जाएंगे। पूरी जनता, लाखों दलित, आदिवासी, मुस्लिम और ईसाई आतंक में जीने को मजबूर हैं। उन्हें हमेशा यह डर रहता है कि न जाने कब-कहां से हमला हो जाए। दादरी जैसे हत्याएं गहराती समस्याओं को दिखा रही है। माहौल नर्क जैसा बना हुआ है। देश के लेखक, फिल्मकार और बाकी विद्वान एक विचारधारा के लोगों द्वारा खराब किए गए माहौल से लड़ रहे हैं। मैं इसका हिस्सा बनकर खुश हूं। इस देश में आज जो हो रहा है मैं उससे शर्मिदा हूं। द गॉड ऑफ स्मॉल थिंग्स फिल्मों केलिए बुकर पुरस्कार जीत चुकी रॉय ने कहाकि कलाकारों और बुद्धिजीवियों का यह मूवमेंट एतिहासिक है। इससे पहले ऎसा नहीं हुआ। मैं इस बात से खुश हूं कि मेरे पास एक नेशनल अवार्ड है जिसे मैं वापिस लौटा सकती हूं।

वहीं, फिल्म “जाने भी दो यारो ” बनाने वाले कुंदन शाह ने भी गुरूवार को कहा कि वे इंदिरा गांधी अवॉर्ड लौटाएंगे। उन्होंने कहाकि वे आज के माहौल में ऎसी फिल्म नहीं बना पाते, क्योंकि भाजपा सरकार में है। मैं अपना इंदिरा गांधी अवॉर्ड लौटा दूंगा। इस फिल्म में महाभारत और इंदिरा गांधी का भी रेफरेंस है जिसके चलते उस वक्त भी दिक्कतें आई थी। आज इस तरह की फिल्म को बनाने या रीलिज करने की अनुमति ही नहीं मिलती। हालांकि उन्होंने कहाकि यह भाजपा या कांग्रेस का मामला नहीं है। दोनों एक जैसे हैं। मेरा सीरियल “पुलिस स्टेशन” कांग्रेस के राज में बैन कर दिया गया था।

असहिष्णुता के बारे में नीति आयोग के सदस्य बिबेक देबरॉय ने कहाकि देश में हमेशा से असहिष्णुता रहा है। यहां कि जीने के तरीके में भी असहिष्णुता शामिल है।
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