नोटबंदी के साइड इफेक्ट अब बाजार पर नजर आने लगे हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर में दिसंबर में 16 साल की तुलना में सबसे कम बिक्री हुई।
नई दिल्ली। नोटबंदी के साइड इफेक्ट अब बाजार पर नजर आने लगे हैं। ऑटोमोबाइल सेक्टर में दिसंबर में 16 साल की तुलना में सबसे कम बिक्री हुई। नोटबंदी के बाद लोगों ने कार, मोटरसाइकिल और ट्रक खरीदने के अपने प्लान को बदल दिया। इन हालातों को लेकर सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मेन्युफेक्चर्स ने अपने आंकड़े जारी किए।
टू व्हीलर्स की सेल में हुई सबसे ज्यादा गिरावट
इन आंकडों में सामने आया कि 2016 में टू व्हीलर की बिक्री 2015 की तुलना में करीब 22 प्रतिशत तक कम रही। ऑटोमोबाइल सेक्टर की ये सोसाइटी पिछले 16 सालों से अपने आंकड़े जारी कर रही है। इनके अनुसार 2015 दिसंबर की तुलना में 2016 दिसंबर में बहुत ज्यादा गिरावट देखने को मिली। ऑटोमोबाइल सेक्टर में करीब 75 प्रतिशत स्कूटर और मोटरसाइकिल की बिक्री होती है। ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा टू व्हीलर ही बिका करते हैं। दिसंबर में टू व्हीलर में 22 फीसदी की गिरावट के बाद कंपनियों ने इसके प्रोडक्शन में 25 प्रतिशत की कटौती की गई। साथ ही कॉमर्शियल व्हीकल्स के प्रोडक्शन में 22 फीसदी की कटौती की गई।
ग्रामीण क्षेत्र में सबसे ज्यादा हुआ नोटबंदी का असर
दोपहिया वाहनों की कुल बिक्री में पिछले साल की तुलना में 19 प्रतिशत की कमी आई। दिसंबर 2015 में 15.02 लाख यूनिट की बिक्री हुई थी वहीं दिसंबर 2016 में 12.21 लाख टू व्हीलर्स बिके। 2000 के बाद ऑटोमोबाइल सेक्टर में ये सबसे बड़ी गिरावट थी। ऑटोमोबाइल की सोसाइटी डायरेक्टर जनरल विष्णु माथुर ने बताया कि टू व्हीलर सेक्टर में आधे से ज्यादा बिक्री ग्रामीण क्षेत्र में होती है। नोटबंदी के बाद ग्रामीण क्षेत्र में होने वाली बिक्री पर सबसे ज्यादा असर पड़ा है। कारों की बिक्री में भी नोटबंदी के बाद गिरावट देखी गई। दिसंबर 2015 में करीब 1,72,671 यूनिट कारें बिकी थी। वहीं दिसंबर 2016 में 1,58,617 यूनिट बिकी। अप्रेल 2014 के बाद इस सेक्टर में सबसे बड़ी गिरावट देखह गई।
भारत में नोटबंदी से 69 प्रतिशत व्यापारी हुए प्रभावित
ऑटोमोबाइल सेक्टर के अलावा नोटबंदी के बाद कॉरपोरेट सेक्टर और रियलिटी सेक्टर में भी गिरावट देखी गई। एसबीआई की ओर से 30 दिसंबर से लेकर 3 जनवरी के बीच की गई रिसर्च में सामने आया कि नोटबंदी से भारत के 69 प्रतिशत व्यापारी प्रभावित हुए हैं। सबसे ज्यादा मुंबई और पुणे के व्यापारी इससे प्रभावित हुए हैं। निर्माण कार्य के साथ ही सड़क किनारे असंगठित तरह से चलने वाली दुकानों पर नोटबंदी का सबसे ज्यादा असर पड़ा है। ये सर्वे अलग-अलग संगठित और गैर-संगठित बिजनेस ग्रुप्स पर किया गया।
रियल एस्टेट सेक्टर में 44 प्रतिशत की गिरावट
इस सर्वे में करीब 175 बिजनेस ग्रुप्स की प्रतिक्रियाएं ली गई। प्रॉपर्टी सलाकार नाइट फ्रेंक इंडिया के अनुसार रियल एस्टेट में भी नोटबंदी के बाद बुरा असर पड़ा है। अक्टूबर से दिसंबर 2016 के बीच आठ बड़े शहरों में रियल एस्टेट बाजार 44 प्रतिशत तक नीचे आ गया है। सबसे ज्यादा असर दिल्ल्ी एनसीआर के रियल एस्टेट सेक्टर में देखी गई। यहां 53 प्रतिशत की गिरावट देखी गई।