अब आयुर्वेदिक डॉक्टर्स भी कर सकेंगे अबॉर्शन
आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को गर्भपात करवाने के गैर-आक्रामक तरीके की इजाजत दी जा सकती है
Pregnant workers to get paid sitting at home
नई दिल्ली। अब जल्द ही आयुर्वेदिक डॉक्टर्स भी गर्भपात करवा पाएंगे। सरकार आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को अनुमति देने पर विचार कर रही है। इसके लिए स्वास्थ्य मंत्रालय “द मेडिकल टर्मिनेशन ऑफ प्रेग्नेंसी” (एमटीपी) अधिनियम में बदलाव पर काम कर रहा है।
एक अंग्रेजी साइट के मुताबिक इस संशोधित बिल में आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को गर्भपात करवाने के गैर-आक्रामक तरीके की इजाजत दी जा सकती है। गैर-आक्रामक तरीकों का मतलब आयुर्वेदिक दवाइंयों इत्यादि से है। जल्द ही ये प्रस्ताव के बिनेट को भेजा जाएगा। इस बारे में स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हम पुराने अधिनियम में संशोधन पर काम कर रहे है और हेल्थकेयर स्पेशलिस्ट आयुर्वेदिक डॉक्टर्स को गैर-आक्रामक तरीके से गर्भपात करने की अनुमति देने का प्रस्ताव है।
इस अधिनियम में एक और बड़ा बदलाव किए जाने की संभावना है। जिसके तहत गर्भपात के वक्त को मौजूदा 20 हफ्तों से बढ़ाकर 24 हफ्ते किया जा सकता है। सुरक्षित गर्भपात के लिए सरकार ने एक्ट में बदलाव करने का कदम उठाया है। हालांकि सरकार के इस कदम की काफी आलोचना भी हो रही है।
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