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भारत में शरण लेने के मुद्दे पर बुगती ने की भारतीय राजनयिकों से चर्चा

Published: Sep 21, 2016 07:12:00 pm

बुगती ने जेनेवा से फोन पर बताया कि भारतीय राजनयिकों के साथ बातचीत सकारात्मक रही और उनका रुख बहुत सहयोगात्मक था।

Brahumdagh Bugti

Brahumdagh Bugti

नई दिल्ली। बलूच राष्ट्रवादी नेता और बलूच रिपब्लिकन पार्टी (बीआरपी) के अध्यक्ष ब्रह्मदाग बुगती ने भारत में शरण के मुद्दे पर जेनेवा में भारतीय राजनयिकों से बातचीत की। बीआरपी पाकिस्तान से बलूचिस्तान को आजाद करने की मांग कर रहा है। बुगती ने जेनेवा से फोन पर बताया कि भारतीय राजनयिकों के साथ बातचीत सकारात्मक रही और उनका रुख बहुत सहयोगात्मक था। हमने भारत में शरण की शर्तों पर चर्चा की।

उन्होंने भारतीय राजनयिकों के साथ हुई बातचीत को संवेदनशील करार देते हुए कहा कि इस बारे में बहुत कुछ नहीं बताया जा सकता। लेकिन बातचीत के दौरान पाकिस्तान अधिकृत बलूचिस्तान में बलूच लोगों की स्थिति पर चर्चा की गई। उन्होंने कहा कि भारतीय राजनयिकों के साथ यह मेरी पहली मुलाकात थी। इससे पहले मैंने भारतीय दूतावास से कभी संपर्क नहीं किया था।

बैठक के बाद बुगती ने कहा कि भारत में शरण को लेकर मैं बहुत आशान्वित और सकारात्मक हूं। उनके साथ एक अन्य बलूच राष्ट्रवादी मेहरान मारी थे। उन्होंने कहा कि बलूच स्वतंत्रता आन्दोलन को आगे बढ़ाने के लिए वह भारत जाना चाहते हैं, क्योंकि यहां स्विट्जरलैंड से बाहर जाने की उन्हें अनुमति नहीं है।

बुगती ने आईएएनएस से कहा कि मेरे पूरे परिवार को स्विट्जरलैंड से बाहर जाने की इजाजत है, लेकिन स्विस सरकार ने मुझ पर प्रतिबंध लगा रखा है। बहुत कुछ करना है। मुझे दुनियाभर में लोगों, सीनेटरों, राजनयिकों, मानवाधिकार संगठनों से मुलाकात करनी है जिसके लिए यात्रा की जरूरत है।

ब्रह्मदाग बलूच नेता और बुगती जनजाति के प्रमुख नवाब अकबर बुगती के पोते हैं। साल 2006 में पाकिस्तानी सेना ने अकबर बुगती की हत्या कर दी थी, जिसके बाद ब्रह्मदाग ने जान बचाने के लिए बलूचिस्तान छोड़ दिया था। पहले उन्हें अफगानिस्तान में शरण दिया गया, जहां से वह साल 2010 में स्विट्जरलैंड चले गए।
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